पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने व्यापारियों पर हो रही लगातार फायरिंग और फिरौती की वारदातों पर गहरी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि जींद में एकबार ऐसी ही वारदात समाने आई है, जहां हार्डवेयर और पेंट्स के शोरूम पर बदमाशों ने फायरिंग की। एक के बाद एक सामने आ रही इन वारदातों से स्पष्ट है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का दिवाला पिट चुका है। बदमशा बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं और व्यापारी समेत हर वर्ग खौफ के साये में जी रहा है।
हुड्डा ने कहा कि चंद दिन पहले ही ऐसी वारदातों के विरोध में जुलाना और हिसार में व्यापारियों ने बंद बुलाया था। बावजूद इसके सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। आचार सहिंता के बावजूद बदमाश बेरोकटोक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने व्यापारी वर्ग खुद को अकेला ना समझे, कांग्रेस पूरी मजबूती से उनके साथ खड़ी है। जल्द ही प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनेगी और बीजेपी के जंगलराज का सफाया करते हुए कानून व्यवस्था का राज स्थापित किया जाएगा। प्रदेश से अपराध का खात्मा कांग्रेस सरकार की प्राथमिकता होगी।
हुड्डा आज कांग्रेस में नई ज्वाइनिंग के मौके पर बोल रहे थे। आज हुड्डा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान के नेतृत्व में नीलम शर्मा (पूर्व चेयरमैन, नगर निगम,अंबाला सदर),अमनदीप सिंह शेरा (पूर्व प्रधान), हिमांशु पूंज (युवा प्रधान ब्राह्मण संगठन, अंबाला केंट), दीपक तेजपाल (पूर्व प्रधान ऑल इंडिया ब्राह्मण संगठन, कुरुक्षेत्र), रामचंद्र एडवोकेट, सब्बीर (जिला उप्रधान पुन्हाना), नसीम (ब्लॉक प्रधान, पुन्हाना), साहिद सरपंच, मुबारिक (ब्लॉक प्रधान, पुन्हाना), अरमान सरपंच, जसराम पहलवान, सुरेंद्र बेडसरा, बदलुराम, सुरजभान, रोहतास, मोहित गुलिया, विकास, रिशाल पंच, डॉ राजेश शर्मा, महाबीर, सरजीत, नवीन, आकाश, साहिल, दिलावर सिंह बडेसरा आदि ने कांग्रेस ज्वाइन की। हुड्डा और उदयभान ने सभी का पार्टी में स्वागत किया और पूर्ण मान-सम्मान का भरोसा दिलाया।
इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था की दयनीय स्थिति के कई उदाहरण दिए। उन्होंन बताया कि करनाल में 23 जून को इमिग्रेशन सेंटर के मालिक की कार पर फायरिंग कर एक करोड़ की रंगदारी मांगी गई थी। हिसार में 25 जून को एशिया की सबसे बड़ी ऑटो मॉर्केट में तीन बदमाशों ने एक शोरूम के मालिक रामभगत गुप्ता से 5 करोड़ की रंगदारी मांगी थी। बदमाशों ने आधुनिक हथियारों से एक मिनट के अंदर 35 से ज्यादा राउंड फायर किए। खरखौदा में 17 जून को आईएमटी में संचालित एकमात्र कंपनी नीलगिरी के मालिक से 50 लाख की रंगदारी मांगी गई। जींद में 16 जून को जुलाना के गांव फतेहगढ़ के पूर्व सरपंच श्रीनिवास से 10 करोड़ की रंगदारी मांगी गई। बहादुरगढ़ में 4 जून को नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष अशोक गुप्ता को व्हाट्सएप कॉल कर बदमाशों ने 2 करोड़ की फिरौती मांगी। कैथल में 28 मई को व्हाट्सएप कॉल कर पूंडरी के एक व्यक्ति से 10 लाख की रंगदारी मांगी गई। इसके अलावा एक अन्य दुकान पर तीन नकाबपोशों ने फायरिंग कर 20 लाख रुपये मांगे।
इससे पहले सांपला में 7 फरवरी को सीताराम हलवाई से तीन बदमाशों ने 1 करोड़ की रंगदारी मांगी। सोनीपत में 21 जनवरी को मशहूर मातूराम हलवाई की दुकान पर गोलियां बरसाकर 2 करोड़ की रंगदारी मांगी गई। पिहोवा में 5 मई को कोल्डड्रिंक के होलसेल कारोबारी शुभम से रंगदारी मांगी गई। फिरौती नहीं देने पर उसके भाई अमित की घर में घुसकर चाकू घोंप हत्या कर डाली। हांसी में 10 जुलाई को तीन बाइक सवारों ने जजपा नेता रवींद्र सैनी की गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। झज्जर में 5 मार्च को भुरावास गांव निवासी एसटीएफ जवान सतबीर की गोली मार हत्या की थी। बहादुरगढ़ को 25 फरवरी में इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष की गोली मारकर हत्या की गई थी। गुरुग्राम में 22 फरवरी को घर के बाहर टैक्सी चालक को गोलियों से भूना गया था। गुरुग्राम में ही 29 फरवरी एक और हत्या को अंजाम दिया गया। 2 जुलाई को करनाल में एएसआई संजीव की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि यह फेहरिस्त बहुत लंबी है। महेंद्रगढ़ में 24 घंटे के भीतर दो दुकानों पर रंगदारी नहीं देने पर फायरिंग की गई। जींद के नरवाना में भी एक करोड़ रुपये नहीं देने पर केमिस्ट शॉप में आग लगा दी गई। इससे पहले 5 जुलाई को भी नरवाना में ही एक व्यापारी से 25 लाख की रंगदारी मांगी गई थी। जुलाई 2022 में हरियाणा के छह विधायकों को जान से मारने की धमकी देकर रंगदारी मांगी गई थी। विधायक रेणुबाला, सुरेंद्र पंवार, कंवर संजय सिंह, सुभाष गांगोली, कुलदीप वत्स, मामन खान और कुलदीप वत्स को बदमाशों की तरफ से धमकियां मिलीं थी।
हुड्डा ने कहा कि इसी तरह पिछले 10 साल से प्रदेश में एक के बाद एक वारदातें होती रहीं और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। बीजेपी सरकार ने कभी लोगों की जानमाल की परवाह नहीं की। इसलिए जो सरकार जनता को सुरक्षा नहीं दे सकती, उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।