औद्योगिक विकास के लिए 10 नये आईएमटी विकसित किए जाएंगे

Haryana’s budget allocates ₹1,848.12 crore for industrial development, prioritizing 10 new IMTs.

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी, जोकि वित्त मंत्री भी हैं, ने आज हरियाणा विधानसभा में प्रस्तुत किए गए अपने बजट अभिभाषण मंे प्रदेष में औद्यागिक विकास को प्राथमिकता देेते हुए 10 नये आईएमटी विकसित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया है। इसके साथ ही उन्होंने 2025-26 के लिए उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के बजट में 129.37 प्रतिषत की बढ़ौतरी करते हुए 1,848.12 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है।

उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक सम्पदाओं में डॉरमिट्रीज और एकल कक्ष इकाईयों का निर्माण किया जाएगा। इससे श्रमिकों को सस्ती दरों पर आवास सुविधा उपलब्ध होगी। सभी औद्योगिक संपदाओं में Incubation Centre  बनाए जाएंगे ताकि स्टार्टअपस को सस्ती दरों पर कार्य करने की सुविधा मिल सके। सभी औद्योगिक संपदाओं में मल्टी-लेवल पार्किंग की सुविधा प्रदान की जायेगी। इससे पार्किंग की समस्या का समाधान होगा और उद्योगों को उचित व्यवस्था मिलेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि हरियाणा आत्मनिर्भर टैक्सटाईल पालिसी 2022-25 की अवधि दिसम्बर 2026 तक बढ़ाई जाएगी और इसके अंतर्गत पात्र परियोजनाओं की उपरी संख्या सीमा को समाप्त कर दिया जायेगा। एचएसआईआईडीसी द्वारा आईएमटी खरखौदा की तर्ज पर 10 नये औद्योगिक मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) विकसित करने के लिए ई-भूमि पोर्टल पर वर्ष 2025-26 की शुरूआत में ही भूमि की मांग दर्ज कर दी जाएगी। साथ ही, किसानों को लैंड पूलिंग पॉलिसी और लैंड पार्टनरशिप पॉलिसी के विकल्प भी दिए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार के ‘‘एक जिला एक उत्पाद’’ कार्यक्रम के अनुरूप, राज्य सरकार ‘‘पद्मा नीति’’ के तहत ‘‘एक ब्लॉक, एक उत्पाद’’ कार्यक्रम लागू कर रही है। स्थानीय संसाधनों एवं मौजूदा सूक्ष्म उद्यम पारिस्थितिकी तंत्र को ध्यान में रखते हुए जींद, अंबाला और करनाल जिलों में तीन नये औद्योगिक क्लस्टरों को अब तक स्वीकृति दी जा चुकी है। आगामी वित्त वर्ष में, अलग-अलग जिलों में 10 नए औद्योगिक क्लस्टरों को फास्ट-ट्रैक मोड पर स्वीकृति दी जाएगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा देने लघु एवं मध्यम उद्योगों को CAQM मानकों के अनुपालन में सहायता प्रदान करने के लिए अब एक नई योजना के अन्तर्गत उद्योगों में लगे जेनरेटर्स को स्वच्छ, पर्यावरण अनुकूल ईंधन में बदलने एवं रैट्रोफिट एमिशन कन्ट्रोल डिवाइस  ( RECD ) उपकरणों को अपनाने के लिए वित्तीय सहायता देना प्रस्तावित है।

 

हरियाणा को ‘‘जीरो वाटर वेस्टेज औद्योगिक क्षेत्र’ के रूप में किया जाएगा विकसित

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा को ‘‘जीरो वाटर वेस्टेज औद्योगिक क्षेत्र’’ के रूप में विकसित करने के लिए ठोस प्रयास किए जाएंगे। इस दिशा में एक पायलट प्रोजेक्ट के लिए आईएमटी मानेसर को चुना गया है। यहां जल संरक्षण एवं हरित पहल के तहत 55 एमएलडी के सीईटीपी से शोधित जल को रीसाइकिल कर पूरे औद्योगिक क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट का विकास, सेंट्रलाइज्ड फायर सिस्टम तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयोग किया जाएगा ताकि औद्योगिक कचरे और जल संसाधनों का सतत उपयोग हो सके।

उन्होंने कहा कि खरखौदा में आईएमटी का विस्तार किया जाएगा, जिससे यहां औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहनों और उनके पुर्जों के निर्माण के लिए ई-वी पार्क स्थापित किया जाएगा, जो इस क्षेत्र में हरित औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करेगा। एसएसआईआईडीसी द्वारा अम्बाला शहर में पहले चरण में कम से कम 800 एकड़ भूमि में आईएमटी अम्बाला की स्थापना की जाएगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि एचएसआईआईडीसी द्वारा राई औद्योगिक संपदा, आईएमटी बावल और आईएमटी मानेसर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप श्रमिकों के लिए 5-5 एकड़ भूमि डॉरमिट्रीज और एकल कक्ष के निर्माण के लिए उपलब्ध कराएगा। इन स्थलों पर ऐसी इकाईयों के निर्माण के लिए श्रम विभाग हरियाणा और हाऊसिंग फार ऑल विभाग द्वारा एचएसआईआईडीसी को सहयोग राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। निर्मित इकाईयां एचएसआईआईडीसी के औद्योगिक संपदाओं में कार्यरत श्रमिकों को दैनिक, साप्ताहिक, मासिक, अर्धवार्षिक एंव वार्षिक किराए पर उपलब्ध कराई जाऐगी। इन आवासीय इकाइयों का दैनिक संचालन व प्रबन्धन स्थानीय औद्योगिक संगठनों द्वारा किया जायेगा। प्रत्येक सम्पदा में 500 एकल कक्ष इकाइयों और 50 डॉर्मिट्री इकाइयों का प्रावधान किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार, भारत सरकार की मेक इन इंडिया नीति के तर्ज पर ‘‘मेक इन हरियाणा’’ कार्यक्रम के तहत राज्य का निर्माण, डिजाइन और नवाचार का वैष्विक केंद्र बनाने हेतु सरकार विभिन्न योजनाएँ लागू करेगी। इस दिशा में, सरकार द्वारा उद्योगपतियों को आकर्षित करने के लिए वित्तीय एवं गैर-वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किए जाएंगे।

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हमारी कई नीतियों जैसे औद्योगिक नीति-2020, टैक्सटाइल नीति 2022-25, लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल नीति 2019, आईटी आईटीएस नीति 2017, एचएसआईडीसी की इएमपी नीति 2015, हरियाणा राज्य डेटा सेंटर नीति 2022, हरियाणा राज्य स्टार्टअप नीति 2022, फार्मास्युटिकल नीति 2019, कृषि व्यवसाय और खाद्य प्रसंस्करण नीति 2018, आईटी ईएसडीएम नीति 2017, एमएसएमई नीति 2019, आत्मनिर्भर वस्त्र नीति 2022, इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2022, हरियाणा पंजीकृत वाहन स्क्रैपेज और रीसाइक्लिंग सुविधा नीति 2024 व अन्य उद्योग एवं श्रम सम्बन्धित नीतियों को कालांतर में हुए परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए बदलाव की भी आवश्यकता है। इनके नये प्रारूप वर्ष 2025-26 में तैयार कर लिए जायेंगे।

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