दिल्ली पुलिस ने एक बड़े बचाव अभियान में एक एनजीओ के साथ मिलकर 11 से 17 साल की उम्र के 18 बच्चों को बचाया, जो राष्ट्रीय राजधानी के भजनपुरा के गामरी गांव में जूट बैग बनाने वाली फैक्ट्री में काम कर रहे थे, अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
यह बचाव अभियान 5 अगस्त को चलाया गया था और असलत, राजकुमार, विक्की, पिंटू, सर्वेश, एहसान, सतेंद्र, अंसारी और साहिल डबास के रूप में पहचाने गए नौ लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है, जिन्होंने कथित तौर पर बच्चों को काम पर रखा था।
दिल्ली पुलिस ने सीलमपुर सबडिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम), श्रम विभाग, राजस्व विभाग और ‘एनजीओ सहयोग- केयर फॉर यू’ के साथ मिलकर काम किया।
अधिकारियों ने बताया कि वे राष्ट्रीय राजधानी के भजनपुरा के गामरी गांव के इलाके में एक जूट बैग बनाने वाली फैक्ट्री और प्रिंटिंग के काम में काम कर रहे थे।
अधिकारियों ने बताया कि जूट बैग बनाने और प्रिंटिंग के काम से बचाए गए ज्यादातर बच्चे उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड के हैं।
भजनपुरा थाने में बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण अधिनियम तथा बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति, उत्तर-पूर्व, संस्कार आश्रम परिसर, दिलशाद गार्डन के समक्ष पेश किया जाएगा। मामले की आगे की जांच जारी है।