President Murmu launched the ‘Spiritual Education Project’ at Prajapita Brahmakumari’s Golden Jubilee in Hisar.
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने हिसार में स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह के उपलक्ष्य में ‘समग्र कल्याण के लिए आध्यात्मिक शिक्षा प्रोजेक्ट’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने आध्यात्मिकता के महत्व को रेखांकित करते हुए समाज के सर्वांगीण विकास में इसकी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने इस आयोजन करने के लिए सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि 50 वर्षों की यात्रा की सफलता के मूल में पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के आशीर्वाद की शक्ति विद्यमान है। राष्ट्रपति ने प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की पावन आध्यात्मिक ऊर्जा को सादर नमन करते हुए कहा कि आप सबने त्याग और तपस्या के बल पर अपने केंद्र के माध्यम से संस्थान और समाज को अमूल्य योगदान दिया है। आप सबके प्रयासों से लोगों के लिए भौतिक, मनोवैज्ञानिक तथा आध्यात्मिक उन्नति के रास्ते खुले हैं।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि हरियाणा में आकर श्रीमद् भगवद्-गीता का संदेश सहज ही याद आता है। योगेश्वर श्रीकृष्ण ने स्थितप्रज्ञ के लक्षण बताए थे, हर परिस्थिति में समत्व बनाए रखने की शिक्षा दी थी, कर्म के फल पर तनिक भी ध्यान न देते हुए पूरी निष्ठा के साथ कर्म करने की प्रेरणा दी थी। जैसे पांडवों के सामने कौरवों की चुनौती थी, वैसे ही प्रत्येक व्यक्ति के अंदर और बाहर नकारात्मक प्रवृत्तियों और विपरीत परिस्थितियों की चुनौती होती है। जिस प्रकार गीता की शिक्षा के बल पर अर्जुन पॉजिटिव एनर्जी से भर गए, उसी तरह जीवन के संग्राम का सामना करने और उसमें विजय पाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने भीतर आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करना चाहिए।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि अध्यात्म मानव निर्मित सीमाओं से ऊपर उठकर पूरी मानवता को एक सूत्र में जोड़ता है। आध्यात्मिक आधार पर निर्मित सामाजिक, आर्थिक, वैज्ञानिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक या अन्य किसी प्रकार की व्यवस्था नैतिक और टिकाऊ बनी रहती है। आध्यात्मिकता की शक्ति के बल पर आज ब्रह्माकुमारी केंद्र विश्व के लगभग 150 देशों में सामाजिक एवं आर्थिक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मुझे बताया गया है कि इस सभागार के भवन का नाम पीस पैलेस है। भवन का यह नाम अत्यंत अर्थपूर्ण है। इस भवन के नाम से, मुझे रूस के महान लेखक और विचारक टॉलस्टॉय की एक छोटी-सी पुस्तक याद आई जिसका अनेक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। उस पुस्तक के हिन्दी संस्करण का नाम है ‘वैकुंठ तुम्हारे हृदय में है’। इस पुस्तक का राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सादर उल्लेख किया करते थे। बैकुंठ यानी पैराडाइज परम शांति और आनंद का धाम है। अध्यात्म के रास्ते पर चलने वाले व्यक्ति का लक्ष्य उस आंतरिक अनुभव को प्राप्त करना होता है, जहां राग-द्वेष से मुक्त, भय और आकांक्षा से परे होकर व्यक्ति को गहन शांति की अनुभूति होती है। उच्च आध्यात्मिक स्तर प्राप्त कर लेने वाले व्यक्ति के भीतर ही शांति-भवन, शांति-कुंज या शांति-प्रसाद विद्यमान होता है। आध्यात्मिक शिक्षा के बल पर होलिस्टिक वेल बीइंग को प्राप्त करने का उद्देश्य एक ऐसी समग्रता-पूर्ण जीवन-शैली का निर्माण करना है जो आंतरिक शांति प्रदान करे।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था राष्ट्र सेवा और समाजसेवा के अनेक अभियानों में सक्रिय योगदान दे रही है। नशा मुक्त भारत अभियान, जल संरक्षण से जुड़े राष्ट्रीय कार्यक्रम, नारी सशक्तिकरण के प्रयासों तथा ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसे पर्यावरण संवर्धन के पुण्य कार्य में योगदान देकर आप सबने अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा का राष्ट्र और समाज के हित में सुनियोजित उपयोग किया है।
कार्यक्रम में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का हरियाणा में पहुंचने पर स्वागत किया और कहा कि आज सौभाग्य का दिन है कि हमें राष्ट्रपति जी का आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी एक महिला प्रधान संस्था है। इस संस्था ने लोगों के कल्याण के लिये कार्य किया है । लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने की दिशा में संस्था ने अपनी महती भूमिका निभाई है।
राज्यपाल ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था ने शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज के अनेक क्षेत्रों में मानवीय कल्याण के काम किए है। उन्होंने कहा कि 25 हज़ार से अधिक राजयोगी अपना जीवन अर्पण करके समाज की भलाई के लिए काम कर रहे है। ब्रह्माकुमारी मानसिक शांति सिखा रहे है और समाज को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करते है।
इस अवसर पर राष्ट्रपति की सुपुत्री इतिश्री मुर्मू, लोक निर्माण मंत्री श्री रणबीर गंगवा, विधायक श्रीमती सावित्री जिंदल, विधायक श्री रणधीर पनिहार के अलावा राजयोगिनी ब्रह्माकुमार डॉ मृत्युंजय अतिरिक्त सेक्रेटरी जनरल ब्रह्माकुमारी माउंट आबू, राजयोगिनी ब्रह्माकुमार डॉ नथमल नेशनल कोऑर्डिनेटर कलकत्ता, राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी डॉ लीना अतिरिक्त डायरेक्टर ब्रह्माकुमारी माउंट आबू, राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी डॉ उत्तरा जॉन इंचार्ज पंजाब, राजयोगिनी ब्रह्माकुमार प्रेम जोन इंचार्ज पंजाब, राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी डॉ रमेश कुमारी डायरेक्टर ब्रह्माकुमारी हिसार सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।