इसके लिए आज यहां केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा की उपस्थिति में एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएनएल) तथा नगर निगम, गुरुग्राम और फरीदाबाद के मध्य समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। नगर निगम फरीदाबाद की आयुक्त श्रीमती ए मोना श्रीनिवास तथा नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त श्री नरहरि सिंह बांगड़ और एनवीवीएनएल की ओर से सीईओ श्रीमती रेनू नारंग ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि आज का दिन हरियाणा के लिए बड़ा महत्वपूर्ण दिन है, जब ग्रीन चारकोल बनाने के लिए प्लांट हेतु एमओयू हुआ है। समझौते के अनुसार, एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएन), एनटीपीसी लिमिटेड की पूरी तरह से स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत गुरुग्राम और फरीदाबाद में वेस्ट टू चारकोल प्लांट स्थापित करेगी।
गुरुग्राम और फरीदाबाद में लगेंगे हरित कोयला प्लांट, 500-500 करोड़ रुपये की आएगी लागत
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम के बंधवाड़ी में तथा फरीदाबाद के मोठूका में लगभग 500 -500 करोड़ रुपए की लागत से हरित कोयला प्लांट स्थापित किए जाएंगे। इन दोनों प्लांटों में गुरुग्राम और फरीदाबाद शहरों में एकत्रित 1500- 1500 टन प्रति दिन (टीपीडी) कचरे को चारकोल में बदला जाएगा। उन्होंने कहा कि इन दोनों प्लांटों के लिए गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगमों द्वारा 20-20 एकड़ जमीन दी जाएगी और एनटीपीसी द्वारा जल्द ही जमीनों का कब्ज़ा लेकर प्लांट स्थापित करने का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा, जिनके लगभग 30 माह में पूरा होने की संभावना है। ये दोनों प्लांट पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित होंगे।
गुरुग्राम और फरीदाबाद शहरों में कचरे के ढेर से मिलेगी मुक्ति
नायब सिंह सैनी ने कहा इन संयंत्रों के स्थापित होने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को मूर्तरूप देने में बड़ी मदद मिलेगी, जिससे गुरुग्राम और फरीदाबाद शहर कचरा मुक्त बनेंगे। भविष्य में शहरों में कचरे के ढेर से भी मुक्ति मिलेगी। गुरुग्राम व फरीदाबाद में वेस्ट-टू-ग्रीन कोल प्लांट स्थापित करने से न केवल कचरे की समस्या का स्थायी समाधान होगा, बल्कि ऊर्जा उत्पादन में भी वृद्धि होगी। इस टोरिफाइड चारकोल का उपयोग बिजली उत्पादन संयंत्रों में किया जाएगा, जिससे खनिज कोयले के उपयोग में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि हमारा यह प्रयास शहरी स्वच्छता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने और गुरुग्राम और फ़रीदाबाद में पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगा।