केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शाम दिल्ली में राज्यों के ग्रामीण विकास मंत्रियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली। इस दौरान श्री चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जमशेदपुर (झारखंड) में 15 सितंबर को महत्वाकांक्षी पीएम आवास योजना के लाखों लाभार्थियों को 2,745 करोड़ रु. की किस्त जारी करेंगे, साथ ही वित्तीय वर्ष 2024-25 में सभी लक्षित लाभार्थियों को स्वीकृति पत्रों का वितरण किया जाएगा। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों की सहभागिता होगी, वहीं लाखों लोग आनलाइन माध्यम से कार्यक्रम से जुड़ेंगे।
केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे, जिन्हें कार्यक्रम की तैयारी के लिए श्री चौहान ने दिशा-निर्देश दिए, वहीं राज्यों के ग्रामीण विकास मंत्रियों ने योजना के कार्यक्रम में पूर्ण सहभागिता का संकल्प जताया। बैठक में श्री शिवराज सिंह ने कहा कि देश के हमारे गरीब भाइयों-बहनों का हर तरह से उत्थान मोदी सरकार का परम लक्ष्य, जिसकी प्राप्ति की दिशा में प्रधानमंत्री आवास योजना एक अहम कदम है। यह योजना काफी सफलता के साथ आगे बढ़ी है। केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने लक्ष्य हासिल किया है, साथ ही योजना की सफलता व ग्रामीण घरों की आवश्यकता को महसूस करते हुए योजना का विस्तार किया गया है और गरीब वर्ग के लिए गले 5 वर्षों में 2 करोड़ अतिरिक्त आवासों का निर्माण मोदी सरकार करेगी। प्रधानमंत्री का संकल्प हैं कि हर गरीब का अपना घर हो।
केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज ने कहा कि मार्च 2024 तक 2.95 करोड़ आवासों के निर्माण का लक्ष्य था, जिसमें से लगभग सभी घर स्वीकृत किए जा चुके हैं, 2.65 करोड़ घर पूर्ण भी हो चुके हैं। श्री चौहान ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान अब तक में पूर्ण किए गए घरों वाले 26 लाख लाभार्थियों का गृह प्रवेश प्रधानमंत्री के मुख्य आतिथ्य में 15 सितंबर को होगा, साथ ही इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री मोदी पीएमएवाई-जी लाभार्थियों के साथ बातचीत भी करेंगे। आने वाले अगले 5 वर्षों में 2 करोड़ अतिरिक्त आवासों का निर्माण किया जाएगा। 2 करोड़ नए घर 3.06 लाख करोड़ रु. से ज्यादा लागत से बनाए जाएंगे।
श्री चौहान ने बताया कि कोई भी पात्र परिवार इस महत्वपूर्ण योजना के लाभ से वंचित न रहे, इसलिए योजना के नियमों को सरल करते हुए संशोधित कर दिया गया है। एक्सक्लूशन क्राइटेरिया जैसे मोटर चालित दोपहिया और मछली पकड़ने वाली नाव, रेफ्रीजिरेटर, लैंडलाइन फ़ोन को हटा दिया गया है। इसके अलावा, परिवार के किसी सदस्य की मासिक आय की सीमा को 10 हजार रु. से बढ़ाकर 15 हजार रु. कर दिया गया है। साथ ही, भूमि के मालिकाना हक से संबंधित एक्सक्लूशन क्राइटेरिया का भी सरलीकरण किया गया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों के विचारों एवं सभी सहभागियों से परामर्श करके निर्णय लिया है कि ग़ैर ज़रूरी शर्तों को हटाया जाएं, जिससे सभी के लिए आवास के उद्देश्य को सच मायने में साकार किया जा सके।
केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने बताया कि ग्रामीण भारत के उत्थान की दिशा में ग्रामीण विकास मंत्रालय का लक्ष्य केवल आवास देना ही नहीं, बल्कि आवास के साथ मूलभूत सुविधाएं भी सुनिश्चित करना है। इसके अंतर्गत लाभार्थियों को MGNREGA के तहत अपने घर बनाने के लिए 90-95 दिनों की मजदूरी का भी लाभ दिया जाता है एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना, और सौभाग्य योजना से समन्वय कर आवासों में शौचालय, रसोई गैस और बिजली की सुविधा सुनिश्चित की जा रही है। साथ प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ़्त बिजली योजना से समन्वय करके लाभार्थियों को सोलर रूफ टॉप का कनेक्शन देकर उनके बिजली बिल को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। इस योजना के तहत बनने वाला हर घर एक संपूर्ण आवास है, एक सुविधा संपन्न आवास। सही मायने में यह योजना, ग़रीबी मुक्त गांव एवं विकसित भारत की आधारशिला साबित होगी। श्री चौहान ने कहा कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय किसी भी तरह की सहायता एवं समस्या निदान के लिए सतत प्रयासरत एवं उपलब्ध है, जिससे राज्य बिना विलंब किए कार्यों को सफलतापूर्वक संपादित कर सके। उन्होंने इस योजना में सभी से सहयोग की अपेक्षा की।