राज्य सरकार FCA और AFRA की मंजूरी में तेजी लाने के लिए कार्यरत : CM सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि वर्तमान राज्य सरकार वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) और वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) की मंजूरी में तेजी लाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है, ताकि लंबे समय से लंबित राज्य भर में विभिन्न महत्वाकांक्षी विकास परियोजनाओं का समय पर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के लगातार प्रयासों के कारण, केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण जनहित की परियोजनाओं के लिए 66 एफसीए मंजूरी प्रदान की हैं। ये परियोजनाएं बुनियादी ढांचे, शिक्षा और जल आपूर्ति जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करती हैं। इसके अलावा, राज्य ने केंद्र से 77 सैद्धांतिक मंजूरी भी हासिल की हैं, जिससे शोंगटोंग और थाना प्लाउन बिजली परियोजनाओं, कई शैक्षणिक संस्थानों, हेलीपोर्ट, जल आपूर्ति योजनाओं और विभिन्न सड़क बुनियादी ढांचा परियोजनाओं जैसी पहलों का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जिनका उद्देश्य राज्य के विकास को गति देना है। ऐसे कई मामले वर्षों से लंबित थे, लेकिन राज्य सरकार के समर्पित प्रयासों के कारण अब इनमें तेजी आ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने एफसीए और एफआरए मंजूरी मामलों की प्रगति की निगरानी के लिए उपायुक्त, प्रभागीय वन अधिकारी और संबंधित उपयोगकर्ता एजेंसी के प्रतिनिधियों की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियों का गठन किया है, ताकि मामले ऑनलाइन अपलोड होने के बाद इनकी प्रगति की निगरानी की जा सके। बेहतर समन्वय, मामलों की उचित जांच और केंद्र सरकार के साथ संपर्क सुनिश्चित करने के लिए, राज्य सरकार द्वारा एक समर्पित वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है, जिन्हें मुख्य रूप से केंद्र स्तर पर मामलों में तेजी लाने का काम सौंपा गया है। श्री सुक्खू ने कहा, “हिमाचल प्रदेश में लगभग 70 प्रतिशत वन क्षेत्र है और जनहित परियोजनाओं के लिए वन भूमि की आवश्यकता अपरिहार्य है। इसलिए, इन परियोजनाओं को लागू करने के लिए वन मंजूरी प्राप्त करना राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। फिर भी विभिन्न प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं के कारण प्रक्रिया में देरी होती है। इससे निपटने के लिए, राज्य सरकार ने वन मंजूरी मामलों में तेजी लाने के लिए एक तंत्र विकसित किया है, जिसके परिणामस्वरूप मंजूरी दर में सुधार हुआ है।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य के लोगों के लाभ के लिए पर्यावरण संरक्षण और विकास के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के अनुरूप, वर्तमान राज्य सरकार ने राज्य के वन क्षेत्र को और बढ़ाने के लिए विभिन्न वानिकी योजनाएं शुरू की हैं।