Punjab Government fulfills fish market demand in Patiala, easing business for fish farmers.
- गांव घलोड़ी में नई मछली मंडी शुरू, मछली विक्रेताओं के लिए आमदन के नए अवसर होंगे पैदा
- पंजाब सरकार लोगों को अच्छी सुविधाएं प्रदान करने के लिये वचनबद्ध है
पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन और आम आदमी पार्टी, पंजाब के महासिचव स. हरचंद सिंह बरसट के प्रयासों से पटियाला में मछली विक्रेताओं की मछली मंडी बनाने की मांग को पंजाब सरकार की ओर से पूरा कर दिया गया है। जिससे मछली पालकों और कारोबारियों का अब व्यापार करना आसान हो जाएगा।
इस बारे में जानकारी देते हुए स. हरचंद सिंह बरसट ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार लोगों की भलाई के लिए काम करने के लिए वचनबद्ध है। इसके तहत पटियाला के घलोड़ी में नई मछली मंडी बनाई गई है, जिसे थोक मंडी के रूप में विकसित किया गया है।उन्होंने कहा कि पहले मछली विक्रेताओं के पास व्यापार करने के लिए कोई ठिकाना नहीं था। जहां भी ये कारोबार करते थे, वहां किसी भी तरह की कोई व्यवस्था नहीं होती थी और न ही सफाई होती थी। सड़कों पर मछलियां बेची जाती थीं।
सफाई न होने के कारण लोग वहां से गुजरने से भी परहेज करते थे। इस कारण इन्हें हर जगह से हटा दिया जाता था। इस वजह से उन्हें व्यापार करने में बहुत सी परेशानियां आती थीं, लेकिन अब इस मछली मंडी के बनने से इन सभी का कारोबार करना आसान हो गया है और शहरवासियों को भी मछली खरीदने के लिए एक साफ जगह मिल गई है। इससे अब उनके कारोबार में भी वृद्धि होगी और साथ ही मंडी बोर्ड की आमदनी भी बढ़ेगी।
स. बरसट ने बताया कि इस मंडी की कुल विकास लागत 4.12 करोड़ रुपये में से 2.12 करोड़ रुपये पंजाब मंडी बोर्ड और 2 करोड़ रुपये मछली पालन विभाग द्वारा खर्च किए गए हैं। यह मंडी 5 एकड़ जमीन पर बनी है, जिसमें से 1 एकड़ विकसित क्षेत्र में मार्किट बनाई गई है। इस मंडी में कुल 20 दुकानें हैं, जिसमें से 10 दुकानें शुरू की जा रही हैं, जबकि बाकी 10 की नीलामी बाकी है। यहां ओवरहेड वॉटर टैंक, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, टॉयलेट ब्लॉक, कार्यालय ब्लॉक, पार्किंग और सड़कों की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने बताया कि बाकी बची 4 एकड़ जमीन में रिटेल फिश मार्किट को विकसित करने की योजना है, जिस पर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मछली मंडी के विकास से मछली पालन उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा और स्थानीय मछली विक्रेताओं के लिए आमदन के नए अवसर पैदा होंगे।