राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण कम करने में पहल के लिए विश्व बैंक का आभार – राव नरबीर सिंह

World Bank supports Haryana’s Rs 3650 crore air pollution projects with 70% funding.

हरियाणा के वन एवं पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण कम करने में पहल करने के लिए विश्व बैंक का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक हरियाणा में इसके लिए लगभग 3650 करोड़ रुपये की परियोजनाओं में सहयोग देगा। हरियाणा में विश्व बैंक द्वारा   परियोजनाओं  में 70 प्रतिशत का योगदान दिया जायेगा जबकि 30 प्रतिशत राज्य सरकार की भागीदारी होगी। इस फंडिंग में विश्व बैंक की लगभग 80 करोड़ रुपये से अधिक की ग्रांट-इन-ऐड भी शामिल होगी।

राव नरबीर सिंह कल मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के साथ विश्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने के उपरांत मीडिया से बातचीत कर रहे थे।  उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण आज वैश्विक समस्या बन गया है। आने वाले समय में वायु गुणवत्ता सूचकांक को नियंत्रण में रखना अति आवश्यक है। अभी से हमें जागरूक होना है। विश्व बैंक के साथ हरियाणा सरकार मिलकर वर्ष 2030 तक हरियाणा को वायु प्रदूषण मुक्त बनाने की योजनाओं पर कार्य करेगी। एनसीआर में हमें इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर जाना होगा। 250-300 इलेक्ट्रिक बसें और खरीदी जाएँगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दिया जा रहा है। मेट्रो, इलेक्ट्रिक बसें व रैपिड रेल के संचालन को बढ़ावा दिया जायेगा। सर्दियों  में दिल्ली के आसपास स्मोग से वायु प्रदूषण पर विश्व बैंक ने भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद और गुरुग्राम के अलावा मुख्यमंत्री ने सोनीपत शहर को भी वायु प्रदूषण मुक्त शहरों में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि 500 किलोमीटर तक की सड़कों के किनारों से रेत न उड़े, इसके लिए सीमेंटेड सड़कें बनाई जाएँगी।

अरावली पर्वत श्रृंखला में सऊदी अरब की तर्ज पर बनाई जाएगी ग्रीन वॉल

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि साऊदी अरब रेगिस्थानी देश है परंतु वहां के लोगों ने रेतीली धरती को हरित बनाया है और ग्रीन वॉल खड़ी की है। आज साऊदी अरब ने बहुत तरक्की की है और खाद्यानों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बना है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही वे साऊदी अरब का दौरा करेंगे और वहां पर स्थापित ग्रीन वाल का अवलोकन कर उसके बाद प्रदेश के अरावली क्षेत्र को ग्रीन वॉल स्थापित करने की संभावनाए तलाशी जाएगी। इससे पर्यावरण संतुलन  भी स्थिर रहेगा।

उन्होंने कहा कि  विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जा रहा है। और शोध को बढ़ावा दिया जा रहा है। हर आदमी ,हर संस्थान को पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना चाहिए।

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