Sadhvi Mokshita highlights Shrimad Bhagwat Katha’s teachings on love, sacrifice, knowledge, and detachment.
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के ऐतिहासिक पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाने और सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं द्वारा हिन्दू संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर अनेक प्रकार के यज्ञ व भगवान श्री राम व श्री कृष्ण की कथाओं के आयोजन किए जाते हैं। इसी कड़ी में गीता जयंती समारोह के अवसर पर कल 5 दिसंबर से 11 दिसंबर तक दोपहर 2 बजे से सायं 5 बजे तक श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा
कुरुक्षेत्र में स्थित भगवान दत्तात्रेय मन्दिर की कथावाचक साध्वी मोक्षिता ने श्रीमद् भागवत कथा के बारे पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए बताया कि श्रीमद् भागवत कथा ऐसे ऐतिहासिक एवं पवित्र स्थल पर होने जा रही है, जहां पर भगवान श्री कृष्ण ने अपने शिष्य अर्जुन को गीता के उपदेश के माध्यम से मोक्ष प्राप्ति एवं मुक्ति का मार्ग दिखाया था। उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का सार हमें शिक्षा देता है कि हर व्यक्ति के अन्दर प्रेमभाव, त्याग की भावना, ज्ञान व वैराग्य उत्पन्न हों और प्रत्येक मनुष्य मानव धर्म का पालन कर अपने जीवन को सुन्दर बनाए। उन्होंने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर महाभारत के युद्ध के बीच एक ऐसा शान्ति का संदेश दिया जो आज गीता उपदेश के नाम से पूरे विश्व को प्रकाशमय कर रहा है। पवित्र ग्रंथ गीता में जीवन जीने का सार वर्णित किया गया है, जो समूचे मानव समुदाय को ज्ञान की राह दिखाता है।