Students exhibited eco-friendly models promoting renewable energy and environmental conservation on Energy Conservation Day.
महर्षि दयानंद पब्लिक स्कूल, दरिया में पर्यावरण विभाग,चंडीगढ़ प्रशासन के सहयोग से ऊर्जा संरक्षण दिवस पर इको फ्रेंडली मॉडल्स प्रदर्शनी का आयोजन विद्यालय परिसर एमडीएवी भवन में किया गया। इस एग्जीबिशन में विद्यार्थियों ने इको फ्रेंडली ऊर्जा को बढ़ावा लिए विभिन्न मॉडल्स प्रदर्शित किये। विद्यार्थियों ने मॉडल्स के माध्यम से बताया कि नवीनीकरण ऊर्जा का प्रयोग प्राकृतिक संसाधनों पर अनुकूल प्रभाव डालता है।
वाहनों और फैक्ट्रियों से निकलने वाले वाला धुआं प्रदूषण फैलाता है। इससे मनुष्य तथा जीव-जन्तुओं का अस्तित्व खतरे में है। पर्यावरण को बचाने के लिए नवीन तकनीक का प्रयोग करना होगा। उन्होंने बताया कि हमें अपने घरों, गलियों, स्कूल, अस्पताल तथा सडक़ों पर सोलर लाइट का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए। विंडमिल मॉडल के आधार पर ऊर्जा की क्षमता को प्रोत्साहित करने पर बल दिया। मॉडल द्वारा पानी के सही उपयोग को भी दर्शाया।
उन्होंने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं यदि यही क्रम चलता रहा तो धरती पानी में समा जाएगी। मॉडल से ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को बेहतर बनाने का सन्देश दिया। मौसमों में आ रहे बदलाव को भी बखूबी पेश किया। इस प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने वेस्ट को बेस्ट बनाना, कूड़ा -करकट के निपटान की प्रक्रिया आदि को मॉडलों के अंतर्गत दर्शाया। उन्होंने बताया कि ऑर्गेनिक खेती मानव जाति के स्वास्थ्य के लिए उचित है। उन्होंने कहा कि पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदूषण से धरती को बचाना अति आवश्यक है।
कार वॉशिंग करने के पश्चात पानी को रिसाइकल करके पौधों की सिंचाई के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। एयर प्यूरीफिकेशन टावर और चंद्रयान 3 मुख्य आकर्षण रहा। जूनियर वर्ग में बढिय़ा मॉडल बनाने वाले हिमांशु और शिव शंकर को पहला, लवप्रीत और हेमंत को दूसरा, आदर्श और राज को तीसरा और आकाश और अभिदीप को सांत्वना पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। सीनियर वर्ग में रागिनी और कल्पना को प्रथम, काजल और रूपांशु को द्वितीय और आयुष बर्थवाल और आयुष कुमार को तृतीय और प्रिंस, आदित्य, जूली को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया स्कूल की वाईस प्रिंसिपल अंजू मोदगिल ने बताया कि इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य लोगों को ऊर्जा संरक्षण से अवगत करवाना था।