- हरमनप्रीत सिंह और गुरजंट सिंह ने कविता संग्रह ‘किथे खो गए चज्ज दे बंदे’ को किया लोगों को समर्पित
- हॉकी कैंपों में शमशेर संधू के गीत सुनकर बढ़ता है जोश: हरमनप्रीत सिंह
- पाठकों की मांग पर पहली बार लिखी कविताओं की पुस्तक: शमशेर संधू
प्रसिद्ध गीतकार और पत्रकार शमशेर संधू ने खेलों के प्रति अपने प्यार को व्यक्त करते हुए अपनी नई पुस्तक ‘किथे खो गए चज्ज दे बंदे’ का विमोचन भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और खिलाड़ी गुरजंट सिंह से करवाया। शमशेर संधू, जिन्होंने गीत, कहानियां और वृतांत लिखने में ख्याति अर्जित की है, का यह पहला कविता संग्रह है। यह उनकी नौवीं पुस्तक है।
शमशेर संधू ने कबड्डी खिलाड़ियों और पहलवानों पर लिखकर अपनी पहचान बनाई है। इस नई पुस्तक को चंडीगढ़ के हॉकी स्टेडियम में भारतीय टीम के मौजूदा कप्तान हरमनप्रीत सिंह और फॉरवर्ड गुरजंट सिंह की उपस्थिति में खेल लेखक नवदीप सिंह गिल की मौजूदगी में लॉन्च किया गया। दोनों खिलाड़ियों ने पेरिस और टोक्यो में हुए ओलंपिक खेलों में भारत के लिए लगातार दो कांस्य पदक जीते हैं।
हरमनप्रीत सिंह ने शमशेर संधू को बधाई देते हुए कहा कि उनके लिए यह गर्व की बात है कि आज वे एक प्रसिद्ध गीतकार की पुस्तक का विमोचन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हॉकी कैंपों के दौरान खिलाड़ी शमशेर संधू के लिखे गीत सुनकर वार्म-अप करते रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि शमशेर संधू के लिखे गीत, जिन्हें सुरजीत बिंद्रखिया, सतविंदर बिट्टी और सुरजीत खान जैसे बड़े गायकों ने गाया है, खिलाड़ियों को जोश से भर देते हैं। अब वे उनकी कविताओं को भी पढ़ने के लिए उत्साहित हैं।
शमशेर संधू ने कहा कि मित्रों और पाठकों की मांग पर उन्होंने पहली बार कविताओं की पुस्तक लिखी है। इस कविता संग्रह को चेतना प्रकाशन ने प्रकाशित किया है, जिसकी प्रस्तावना महान शायर सुरजीत पातर ने ‘शमशेर संधू दी चौथी कूट’ शीर्षक के तहत लिखी है। यह सुरजीत पातर की अंतिम रचना है, जिसमें उन्होंने शमशेर संधू का गीत, कहानियों और वृतांत के बाद कविता क्षेत्र में स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय के दिनों की यादें ताजा की हैं। पुस्तक के कवर पर प्रो. गुरभजन सिंह गिल ने लेख लिखा है, जिसमें उन्होंने कवि के विद्यार्थी जीवन से लेकर साहित्यिक रुचियों और अब तक के शानदार सफर का संक्षिप्त वर्णन किया है।