पंजाब जल्द ही छह पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिकों में इनडोर सेवाएं शुरू करेगा

Punjab government to launch indoor services at six Veterinary Polyclinics with Rs 1.85 crore funding.

राज्य में पालतू पशुओं और पशुओं के स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार जल्द ही राज्य के छह पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिकों में इनडोर सेवाएं शुरू करेगी।

इस प्रमुख विकास का खुलासा करते हुए आज पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री श्री गुरमीत सिंह खुडियां ने कहा कि पशु चिकित्सा सुविधाओं में सेवाओं को बढ़ाने के लिए 1.85 करोड़ रुपये से अधिक के फंड उपलब्ध कराए गए हैं और पटियाला, अमृतसर, बठिंडा, संगरूर, गुरदासपुर और लुधियाना में पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिकों में इनडोर सेवाएं शुरू करने के लिए उपकरण भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ये पॉलीक्लिनिक जल्द ही पालतू पशुओं और पशुओं के लिए तीव्र बीमारी प्रबंधन, सर्जरी, पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल, लैब टेस्ट, एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड सुविधाओं सहित कई प्रकार की इनडोर सेवाएं प्रदान करेंगे।

पशुपालन विभाग की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए श्री गुरमीत सिंह खुडियां ने कहा कि सभी पशुओं को गांठदार त्वचा रोग से बचाव के लिए बकरी चेचक के टीके की दो खुराक मुफ्त में दी गई। सभी पात्र पशुओं को वर्ष में दो बार खुरपका-मुंहपका रोग का टीका भी लगाया गया है। चालू वर्ष में पशुओं को खुरपका-मुंहपका रोग से बचाने के लिए दो बार में 126.22 लाख खुराकें निःशुल्क लगाई गई हैं।

उन्होंने बताया कि राज्य के पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने तथा आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए 11.81 करोड़ रुपये की लागत से 1,75,000 खुराकें फ्रोजन सेक्सड सीमेन (केवल मादा बछिया पैदा करने के लिए) खरीदी गई हैं। उन्होंने बताया कि पशुपालकों को बेहतर पशु स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए 326 नए पशु चिकित्सा अधिकारी, 538 पशु चिकित्सा निरीक्षक तथा 59 ग्रुप सी के पद भरे गए हैं तथा 405 और पशु चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती प्रक्रियाधीन है।

पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव श्री राहुल भंडारी ने बताया कि 10 लाख रुपये की लागत से कृमिनाशक दवाएं खरीदी गई हैं। 6.37 करोड़ रुपये की लागत से सामूहिक कृमि मुक्ति अभियान के तहत राज्य के सभी पशुपालकों को दवा वितरित की गई। इसके अलावा पशुओं के उपचार के लिए अस्पतालों/डिस्पेंसरियों को 3 करोड़ रुपये की दवाइयां उपलब्ध कराई गई हैं और 1 करोड़ रुपये की दवाइयां भी खरीदी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि विभाग ने राज्य में 199 पशु कल्याण एवं जागरूकता शिविर भी आयोजित किए हैं और राज्य में 21वीं पशुगणना भी करवाई जा रही है। पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. जी.एस. बेदी ने बताया कि ट्राइसिटी के इतिहास में पहली बार पशुपालन विभाग 21 और 22 दिसंबर, 2024 को चंडीगढ़ के परेड ग्राउंड में आयोजित पेट एक्सपो में मेजबान भागीदार था।

Spread the News