Haryana Minister Shyam Singh Rana emphasizes farmer welfare and agriculture sector growth in upcoming budget.
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने राज्य सरकार की किसानों की भलाई और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली “डबल इंजन सरकार” आगामी बजट में किसानों के कल्याण पर विशेष फ़ोकस करेगी।
श्री राणा ने बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मुख्यमंत्री ने हिसार के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में एक पूर्व-बजट परामर्श बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में किसानों, कृषि वैज्ञानिकों और किसान उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की गई। बैठक के दौरान 52 से अधिक सुझाव किसानों और विशेषज्ञों द्वारा साझा किए गए। इनमें किसान संघों, किसान उत्पादक संगठनों और फेडरेशन के सदस्यों से इनपुट शामिल थे। मुख्यमंत्री ने बैठक में आश्वासन दिया था कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए एक विशेष रणनीति पर काम कर रही है।
कृषि मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में किसानों के साथ विस्तार से बातचीत की है ताकि उनकी समस्याओं को समझा जा सके। उन्होंने आश्वासन दिया कि आगामी बजट सत्र में इन समस्याओं के समाधान के लिए कदम उठाए जाएंगे।
केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त पहल का उल्लेख करते हुए श्री राणा ने बताया कि हरियाणा के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, सॉयल हेल्थ कार्ड योजना, ई-नाम (नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट), मेरा पानी-मेरी विरासत, किसान मित्र योजना, और भावांतर भरपाई योजना जैसी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं जल संरक्षण, फसल विविधीकरण और किसानों की आर्थिक सुरक्षा को बढ़ावा देती हैं।
उन्होंने दावा किया कि हरियाणा देश का एकमात्र राज्य है जो केंद्र सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सभी 24 फसलों की खरीद करता है। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि किसानों को उनकी फसल का भुगतान समय पर मिल सके, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
कृषि मंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा डाई-अमोनियम फास्फेट खाद पर एक बार के विशेष पैकेज को मंजूरी दिए जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि ₹3,850 करोड़ के वित्तीय प्रावधान के साथ इस पैकेज के तहत ₹3,500 प्रति टन की सब्सिडी दी गई है। इससे किसानों को वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद सस्ती दरों पर डीएपी खाद उपलब्ध हो रही है।