CM Sukhu launched ‘Swachh Shehar Samridh Shehar’ and ‘Citizen Service Portal’ for urban development.
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज यहां शहरी विकास के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘स्वच्छ शहर समृद्ध शहर’ तथा ‘नागरिक सेवा पोर्टल’ का शुभारम्भ किया। वन स्टेट-वन पोर्टल के तहत एक पहल नागरिक सेवा पोर्टल को citizenseva.hp.gov.in प्लेटफॉर्म का उपयोग करके एक्सेस किया जा सकता है।
स्वच्छ शहर-समृद्ध शहर कार्यक्रम के तहत शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण तथा कचरा प्रबंधन के लिए विभिन्न पहल की जाएंगी। वन स्टेट, वन पोर्टल पर विभिन्न ऑनलाइन सार्वजनिक सेवाएं उपलब्ध होंगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने इन पहलों को परिवर्तनकारी बताया तथा कहा कि नागरिक सेवा पोर्टल को लांच करने का उद्देश्य राज्य के सभी यूएलबी को एकीकृत एंड-टू-एंड ऑनलाइन समाधान प्रदान करना है। इसके माध्यम से प्रारम्भ में नौ आवश्यक सेवाएं प्रदान की जाएंगी, जिनमें से सात सेवाएं नागरिकों की आवश्यकताओं के अनुरूप होंगी तथा दो यूएलबी के प्रबंधन के लिए डिजाइन की गई हैं। पोर्टल पर लोगों को ट्रेड लाइसेंस, संपत्ति कर प्रबंधन, शिकायत निवारण, सामुदायिक स्थानों की बुकिंग सहित विभिन्न ऑनलाइन सार्वजनिक सेवाएं प्रदान की जाएंगी। आने वाले समय में इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से 45 सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिक सेवा पोर्टल के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में 2 लाख 82 हजार घरों की कचरा संग्रहण और बिल जारी करने के लिए कचरा आईडी बनाई जाएगी। भविष्य में, इन सभी पंजीकृत इकाइयों को डिजिटल पहचान प्लेट प्रदान की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जीवन की सुगमता को प्राथमिकता दे रही है और नागरिक सेवा पोर्टल समावेशी विकास सुनिश्चित करते हुए प्रौद्योगिकी के उपयोग के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सरकार लोगों के जीवन को आसान बनाने और प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए लगातार परिवर्तनकारी कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, “पहले सभी यूएलबी में पारंपरिक पद्धति से काम किया जा रहा था, लेकिन अब हमने अपनी कार्यशैली बदल दी है, जिससे उनकी दक्षता भी बढ़ी है।”
उन्होंने कहा कि राज्य में कूड़ा-कचरा एकत्रित करने और उसके निपटान के लिए व्यापक प्रणाली विकसित की गई है। कूड़े के वैज्ञानिक तरीके से निपटान के लिए आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। शहरी स्थानीय निकायों में पार्क, वाहन पार्किंग और अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप शिमला शहर ने देश में ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों के सहयोग से हिमाचल को ई-गवर्नेंस और नागरिक सशक्तिकरण का आदर्श राज्य बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नागरिकों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवा और पेयजल सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वच्छ पेयजल के लिए विश्व स्तरीय तकनीक का उपयोग करने की योजना तैयार की गई है। इसके मद्देनजर शिमला शहर में पायलट आधार पर एक परियोजना शुरू की जाएगी, जिसमें ओजोन और यूवी तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 फरवरी, 2025 से सभी शहरी स्थानीय निकायों में जन शिकायतों के समाधान के लिए वार्ड स्तर पर समाधान शिविर आयोजित किए जाएंगे। स्वच्छ शहर समृद्ध शहर के रूप में दो माह तक सभी शहरी स्थानीय निकायों में जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नवगठित शहरी स्थानीय निकायों को कूड़ा संग्रहण वाहन खरीदने के लिए प्रति शहरी स्थानीय निकाय 10.62 लाख की वित्तीय सहायता प्रदान की। उन्होंने ऑनलाइन भुगतान के लिए शहरी स्थानीय निकायों को पीओएस मशीनें भी प्रदान कीं।
मुख्यमंत्री ने शहरी विकास विभाग की आईईसी योजना की पुस्तिका का विमोचन भी किया।
शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्य सरकार शहरीकरण की चुनौतियों से निपटने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। शहरों में दीर्घकालिक योजना के साथ विकास योजनाएं तैयार की जा रही हैं ताकि समावेशी और सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी शहरी क्षेत्रों में नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं प्रदान करने के लिए परिवर्तनकारी कदम उठाए जा रहे हैं क्योंकि सभी नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन और इसके वैज्ञानिक निपटान के लिए बड़े पैमाने पर जन जागरूकता अभियान शुरू किया गया है।
इस अवसर पर शहरी विकास विभाग ने शहरी सतत पहल के मद्देनजर आईआईटी रोपड़ और जीआईजेड के साथ दो एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्य अनुसंधान, नवाचार, अपशिष्ट प्रबंधन तकनीक और अन्य विषयों पर साझेदारी और समन्वय के साथ काम करना है ताकि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़े पैमाने पर सकारात्मक बदलाव लाया जा सके। इस अवसर पर प्रमुख सचिव शहरी विकास देवेश कुमार और जीआईजेड, सतत शहरी विकास निदेशक क्रिस्टीन काफेनस्टेनर ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
शहरी विकास विभाग के निदेशक डॉ. नीरज कुमार ने मुख्यमंत्री और विशिष्ट अतिथियों का आभार व्यक्त किया। स्वच्छता पर आधारित एक लघु नाटक भी प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर विधायक संजय अवस्थी, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेन्द्र चौहान, शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।