ब्रेडी नृत्य से पर्यटकों का मन मोह रहे बुंदेली आँचल कलाकार

Brady dance of Bundelkhand mesmerizes Surajkund Fair visitors with its Krishna-themed folk performance.

38वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में बुंदेली आंचल का प्रसिद्ध लोक नृत्य ‘‘ब्रेडी’’ यहां आने वाले पर्यटकों के दिलों पर छा गया है। परंपरा, भक्ति और उत्साह का अनूठा संगम प्रस्तुत करता यह नृत्य, दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने में सफल साबित हो रहा है।

ब्रेडी नृत्य बुंदेलखंड की समृद्ध लोकनृत्य परंपरा का अभिन्न अंग है। इसे विशेष रूप से धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजनों में प्रस्तुत किया जाता है। इसमें नर्तक कृष्ण रूप धारण कर अपने ग्वाल-बालों के साथ नृत्य करते हैं, जिससे दर्शकों को भगवान श्रीकृष्ण के बाल्यकाल की झलक देखने को मिलती है। सूरजकुंड मेले में यह नृत्य देखकर लोगों ने तालियों से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।

इस प्रस्तुति के माध्यम से बुंदेली संस्कृति को एक अंतरराष्ट्रीय मंच मिला। सूरजकुंड मेले में ऐसी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से भारत की विविधता और कला की अनूठी छटा देखने को मिलती है। बुंदेलखंड के ब्रेडी नृत्य की प्रस्तुति न केवल मनोरंजन का माध्यम बनी, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा को भी जीवंत करती है। इस बार थीम स्टेट के रूप में मध्यप्रदेश और ओडिशा राज्य हैं।

 

सूरजकुंड मेले में सारंगी और खंदरी(डपली) की धुन पर लोगों ने जमकर किया डांस

कैथल के रामनाथ अपने ग्रुप के साथ कर रहे हैं 31 वर्षों से सारंगी और खंदरी की प्रस्तुति

कैथल के रामनाथ अपनी सारंगी की मधुर धुन पर पुरुषों के साथ साथ महिलाओं और युवाओं को नाचने पर मजबूर कर देते हैं। रामनाथ हरियाणवी   संस्कृति से जुड़े लोकगीतों को गाते हुए और सारंगी को बजाते हुए मस्त हो जाते हैं।

हरियाणवी लोकगीत काला काला करे गुजरी मत काले का जिक्र करें काले रंग पे मोरनी रुदन करें, हीर रांझा, मीरा इत्यादि ऐतिहासिक कहानियों से जुड़े लोकगीतों की प्रस्तुति देकर रामनाथ लोगों को अपनी आकर्षित करते हैं। रामनाथ जिला कैथल के ठिठाना गांव के रहने वाले हैं और उन्होंने बताया कि वह जब 20 साल के थे तब से इस सूरजकुंड मेले में सारंगी बजाने का काम करते हैं और अपनी लोक कला को जीवित रखने का काम कर रहे हैं।

सारंगीवादक रामनाथ को यह कला पारंपरिक तौर पर अपने पिता से मिली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हरियाणा संस्कृति को बचाने के लिए आगे आई है और उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह का भी धन्यवाद किया और कहा कि हम सबको अपनी संस्कृति को बचाने के लिए आगे आना चाहिए खासकर युवा पीढ़ी जो आजकल नशे की तरफ जा रही है। युवा अपनी संस्कृति से जुड़कर नशे जैसी बुरी आदतों से छुटकारा पा सकते हैं।

 

गजेंद्र फौगाट के गीतों पर खूब झूमें दर्शक

हरियाणवी के साथ-साथ हिंदी और पंजाबी गीतों की दी बेहतरीन प्रस्तुति

मेले में गत सांय बड़ी चौपाल पर हरियाणवी कलाकार गजेंद्र फौगाट ने हरियाणवी, पंजाबी और हिंदी गीतों की प्रस्तुति से समा बांध दिया। गजेंद्र फौगाट द्वारा गाए बेहतरीन गीतों पर दर्शक अपने आपको झूमन से रोक नहीं पाए।

हरियाणा पर्यटन निगम और कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सूरजकूंड मेला परिसर में देश-विदेशों के कलाकारों द्वारा अपनी शानदार प्रस्तुतियों का दौर निरंतर जारी है।

हरियाणवी गायक गजेंद्र फौगाट ने सूरजकुंड मेला परिसर में बेहतरीन व्यवस्थाओं के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी और पर्यटन मंत्री डा. अरविंद शर्मा का धन्यवाद किया। विख्यात कलाकार गजेंद्र फौगाट के द्वारा तन्ने कोन कहवे बहू काले की, बेबी मेरे बडे पर तुम क्या दिलवाओ गे, उड़ जईये रे कबूतर उड़ जईये रे, मेरा नौ दांडी का बिजणा आदि गीतों से हरियाणवी बोली से समा बांधा। वहीं यार तेरा चेतक पै चाले, होश न खबर है ये कैसा असर है, ये देश है वीर जवानों का आदि पंजाबी और हिंदी गीतों पर भी दर्शक अपने आपको झूमने से रोक नहीं पाए।

 

आर्ट एंड कल्चरल गैलरी में मूर्तिशिल्प प्रतियोगिता का किया जा रहा आयोजन

अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला परिसर स्थित आर्ट एंड कल्चरल गैलरी में आयोजित की जा रही मूर्तिशिल्प प्रतियोगिता से युवाओं प्रतिभागियों को मूर्तिकला में निपुण बनाया जा रहा है। 21 फरवरी तक आयोजित की जाने वाली इस प्रतियोगता में 20 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं।

कला एवं संस्कृति अधिकारी(मूर्तिकला) ह्दय कौशल ने जानकारी देते हुए बताया कि कला एवं संस्कृति कार्य विभाग के आयुक्त डा. अमित अग्रवाल और महानिदेशक के.एम. पांडूरण के मार्गदर्शन तथा अतिरिक्त निदेशक विवेक कालिया के निर्देशन में आयोजित की जा रही मूर्तिशिल्प प्रतियागिता में युवा शिल्पकार मूर्तिकला की बारीकियां सीख रहे हैं।

 

सांस्कृतिक संध्या रही हास्य कलाकारों के नाम

बड़ी चौपाल पर हंस-हंसकर देर रात तक लोट-पोट होते रहे पर्यटक

सांस्कृतिक संध्या प्रसिद्ध हास्य कलाकार गौरव गुप्ता और ख्याली के नाम रही। बड़ी चौपाल पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित दर्शक देर रात तक हंस-हंसकर लोटपोट होते रहे।

स्टेंडअप कॉमेडियन से मशहूर गौरव गुप्ता ने दर्शकों के साथ बातचीत को भी अपने अनोखे अंदाज से हंसी-मजाक में बदल दिया। उनके द्वारा शुरू किए गए लव मैरिज के किस्से पर दर्शक हंस-हंस कर लोटपोट हो गए। वहीं हास्य कलाकार ख्याली ने गांव में आए अंग्रेजों के एक किस्से से हरियाणवी अंदाज में लोगों को खूब हंसाया।

 

बच्चों के बैंक लकड़ी के गुलक की मेले में हो रही जमकर खरीद

शिल्पकारों द्वारा तैयार किए विभिन्न प्रकार के बेहतरीन उत्पाद पर्यटकों को खूब लुभा रहे है। शिल्पकारों द्वारा लकड़ी से तैयार से बेहतरीन सामान की भी मेले में खूब डिमांड है। इन्हीं सामानों में से बच्चों के बैंक कहे जाने वाले गुलक भी मिट्टी की जगह लकड़ी से बनाए गए है। ये आकर्षित कर देने वाले लकड़ी के गुलक की खूब बिक्री भी हो रही है।

सूरजकुंड मेला शिल्पकारों की कारीगरी को प्रदर्शित करने का बड़ा प्लेटफॉर्म है। यहां देश-विदेश के प्रसिद्ध शिल्पकारों द्वारा तैयार सामान की अलग-अलग स्टॉल लगाई गई है। इनमें मिट्टड्ढी के बर्तन, कपड़े, पेंटिंग सहित घरेलू सामान की खूब खरीद हो रही है।

इस अवसर पर हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक डा. सुनील कुमार, महाप्रबंधक आशुतोष राजन सहित अन्य अधिकारी सहित काफी संख्या में दर्शक मौजूद रहे।

Spread the News