मुख्य सचिव ने राज्य मानव विकास रिपोर्ट तैयार करने के लिए आयोजित उन्मुखीकरण कार्यशाला की अध्यक्षता की

HP launches India’s first tate Human Development Report study on climate change’s impact on human development.

मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आज यहां पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के साथ साझेदारी में राज्य मानव विकास रिपोर्ट (एसएचडीआर) तैयार करने के लिए विषयगत कार्य समूहों (टीडब्ल्यूजी) के लिए उन्मुखीकरण कार्यशाला की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश इस प्रकार का अध्ययन करने वाला देश का पहला राज्य होगा।

उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट यह विश्लेषण करने में सहायक होगी कि बदलते जलवायु पैटर्न स्वास्थ्य, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों जैसे जल और वानिकी, पर्यटन और निर्माण जैसे प्रमुख मानव विकास संकेतकों को कैसे प्रभावित कर रहे हैं और राज्य भर में बुनियादी आवश्यकताओं तक पहुंच, विशेष रूप से युवाओं, महिलाओं और कमजोर आबादी समूहों में, इन प्रभावों को कम करने के लिए लक्षित अनुकूलन रणनीतियों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

मुख्य सचिव ने कहा कि रिपोर्ट जलवायु स्मार्ट विकास और निर्माण के लिए रणनीतियों का प्रस्ताव करेगी और जलवायु वित्त, विकेंद्रीकरण और जवाबदेह और समावेशी जलवायु कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रगति को तेज करने के अवसरों की पहचान करेगी।

उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट एक दस्तावेज नहीं बल्कि राज्य के सतत विकास के लिए एक रोडमैप होगी। उन्होंने इस तथ्य पर जोर दिया कि जलवायु परिवर्तन बेरोजगारी और कुपोषण आदि से भी बड़ी समस्या बन गई है। मुख्य सचिव ने कहा कि विषयगत कार्य समूह अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञ हैं और उन्हें अपने संबंधित क्षेत्रों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में सबसे अच्छी जानकारी है।

प्रबोध सक्सेना ने निर्णय लेने में सामुदायिक भागीदारी के साथ समावेशी क्षेत्र अध्ययन पर जोर दिया क्योंकि समग्र उद्देश्य रिपोर्ट नहीं बल्कि योजना बनाना है, मौजूदा जलवायु डेटा, सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण और स्थानीय ज्ञान का उपयोग करके हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में मानव विकास पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का आकलन करना, राज्य के विभिन्न जिलों में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और भेद्यता में भिन्नता की जांच करना और जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने और मानव विकास में लचीलापन बनाने के लिए साक्ष्य-आधारित नीति हस्तक्षेप प्रस्तावित करना है।

पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग के निदेशक डीसी राणा ने कहा कि राज्य में जलवायु परिवर्तन का व्यापक असर हो रहा है, जिसने लोगों की आजीविका के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र को भी काफी हद तक बदल दिया है।

यूएनडीपी की मुख्य अर्थशास्त्री अमी मिश्रा ने विषयगत कार्य समूहों को अपने समूहों की प्रस्तुतियाँ तैयार करने में सहायता की। कार्यशाला में वन विभाग के प्रमुख समीर रस्तोगी, पर्यटन निदेशक विवेक भाटिया और ईएसटी एवं सीसी विभाग के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सुरेश अत्री भी हितधारक विभागों के प्रतिनिधियों के साथ उपस्थित थे।

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