सेरेब्रल पाल्सी से ग्रस्त चैतन्य मुकुंद को टाटा स्टील फाउंडेशन ने ‘सबल रोल मॉडल’ पुरस्कार से सम्मानित किया

Chaitanya Mukund wins ‘Sabal Role Model’ award for disability advocacy by Tata Steel Foundation.

सेरेब्रल पाल्सी से ग्रस्त पंचकूला निवासी चैतन्य मुकुंद के खाते में पहले से कई उपलब्धियां हैं। अब उन्होंने एक और उपलब्धि हासिल की जब उन्हें टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा सबल अवॉर्ड्स में ‘सबल रोल मॉडल’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान समारोह जमशेदपुर के कुडी महांती ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ। टाटा स्टील फाउंडेशन ने दिव्यांगता के क्षेत्र में चैतन्य के अद्वितीय कार्य को देखते हुए उन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया, जो उनकी सोच “एबिलिटी के जरिए डिग्निटी” को साकार करता है। वे चण्डीगढ़ के स्टेट अवार्डी एवं विविध भारती चण्डीगढ़ से सेवानिवृत लोकप्रिय एवं प्रसिद्ध उद्घोषक सर्वप्रिय निर्मोही के सुपुत्र हैं तथा माँ डॉ रीटा दत्त भी क्षेत्र की जानी-मानी त्वचा रोग विशेषज्ञ हैं। मास कम्युनिकेशन में सनात्कोत्तर चैतन्य मुकुंद अपनी उपलब्धियों का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं जिन्होंने उनका लालन-पालन बेहतर ढंग से करते हुए किसी भी प्रकार की कमतरी का अहसास नहीं होने दिया।

उन्होंने 2018 में एक फैशन इवेंट में भाग लेकर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई, जो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ। उन्होंने अपनी पहली किताब ‘शिवाय, द वंडर बॉय’ के माध्यम से भारत के पहले दिव्यांग सुपरहीरो को भी प्रस्तुत किया।

2021 में चैतन्य को प्रतिष्ठित एनसीपीईडीपी-जावेद आबिदी फेलोशिप के लिए चुना गया। उनकी रिसर्च “दिव्यांग व्यक्तियों के खिलाफ अपराधों और दुर्व्यवहार के आंकड़ों के रखरखाव और कम रिपोर्टिंग” पर केंद्रित थी, जिसके परिणामस्वरूप हरियाणा पीडब्ल्यूडी कमिश्नर ने हरियाणा पुलिस के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए। इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर उनकी वकालत के चलते उन्हें मार्च 2023 में अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट के प्रमुख नेतृत्व कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला।

चैतन्य ने जागरूकता बढ़ाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए, गोवा राज्य सरकार द्वारा इंटरनेशनल पर्पल फेस्ट 2024 के लिए ‘पर्पल एम्बेसडर’ के रूप में नियुक्ति प्राप्त की। इस आयोजन में उन्होंने दिव्यांग व्यक्तियों के खिलाफ अपराधों के राष्ट्रीय आंकड़ों की कमी के मुद्दे को राज्य के दिव्यांगजन आयुक्तों और डिप्टी चीफ कमिश्नर के सामने उठाया। उनकी इस पहल के बाद, चीफ कमिश्नर फॉर पर्सन्स विथ डिसएबिलिटीज की अदालत ने गृह मंत्रालय (एमएचए) और नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) को नोटिस जारी कर इस मामले पर जवाब मांगा।

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