Haryana mandates education for Panchayat candidates, boosts youth participation, and raises women’s reservation.
हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा राज्य में पंचायती राज संस्थाओं एवं स्थानीय नगर निकायों में चुनावों में प्रतिभागियों के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता लागू करने की पहल करने वाला देश का पहला राज्य बना, जिससे प्रत्याशियों की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य होने के उपरान्त चुनाव में युवाओं की भागीदारी भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं में आरक्षण 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया है। इसी प्रकार शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान भी किया गया है।
राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय आज राज्य निर्वाचन आयोग, हरियाणा की स्थापना के 30 वर्ष पूर्ण होने पर पंचकूला के सेक्टर 17 स्थित आयोग कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने राज्य निर्वाचन आयोग में नवनिर्मित दो लिफ्टों का उद्घाटन किया। राज्यपाल ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए निर्वाचन सदन परिसर में पौधारोपण भी किया। इस मौके पर राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त श्री धनपत सिंह ने पीपीटी के माध्यम से आयोग की 30 वर्षों की उपलब्धियों की जानकारी राज्यपाल को दी।
राज्यपाल ने कहा कि देश में पंचायती राज संस्थाओं एवं शहरी स्थानीय निकायों को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने, उनके चुनाव नियमित रूप से करवाये जाने तथा उनकी कार्य अवधि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भारतीय संविधान में 73वां एवं 74वां संशोधन किया गया था। इस संशोधन से सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में पंचायती राज संस्थाओं एवं शहरी स्थानीय निकायों को मजबूत करने में सहायता मिली।
उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 1993 में राज्य निर्वाचन आयोग, हरियाणा का गठन किया गया। गठन के बाद से ही आयोग राज्य में समय-समय पर आम चुनावों को निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शांतिपूर्वक तरीके से करवाने में सफल रहा है।

सरकार ने समाज के सभी वर्गों को समान प्रतिनिधित्व दिया
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि पंचायती राज संस्थाएं एवं शहरी स्थानीय निकाय भारत के महान लोकतंत्र की बुनियाद है। कल ही प्रदेश के कई जिलों में नगर निगमों, नगर परिषदों व पालिकाओं के चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शांतिपूर्वक ढंग से सम्पन्न हुए है। यह अपने आप में हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता व महता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि समाज में सभी वर्गों को समान प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए सरकार ने पिछड़ा वर्ग ‘क’ तथा पिछड़ा वर्ग ‘ख’ के लिए भी सभी पंचायती राज संस्थाओं एवं स्थानीय नगर निकायों में आरक्षण की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य में प्रजातंत्र को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि समाज में सभी वर्गों को समान प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए सरकार ने पिछड़ा वर्ग ‘क’ तथा पिछड़ा वर्ग ‘ख’ के लिए भी सभी पंचायती राज संस्थाओं एवं स्थानीय नगर निकायों में आरक्षण की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य में प्रजातंत्र को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाई है।

होली के पर्व की राज्यपाल ने दी शुभकामनाएं
उन्होंने कहा कि आज होली का पवित्र त्योहार भी है। इस अवसर पर आप सभी को होली के पावन पर्व की शुभकामनाएं देता हूँ। रंगों का यह त्योहार खुशी, उत्साह और आपसी सौहार्द का प्रतीक है। सभी को यह पर्व प्रेम, स्नेह व भाईचारे के साथ मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस दिन बुराई का त्याग कर अच्छाइयों को अपनाना चाहिए।
राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त श्री धनपत सिंह ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग ने 30 वर्ष में 6 सामान्य चुनाव पंचायती राज और 6 सामान्य चुनाव शहरी निकायों के सफलता पूर्वक संपन्न करवाए हैं। प्रदेश में 6226 पंचायतें हैं, इनमें 6226 सरपंच और 62054 पंच पद हैं। इसी तरह शहरों में 11 नगर निगम, 23 नगर परिषद और 53 नगर पालिकाएं हैं।
इस मौके पर राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त धनपत सिंह, पूर्व आयुक्त टीडी जोगपाल, चंद्र सिंह, धर्मवीर, डॉ. दिलीप सिंह और राजीव शर्मा, उपयुक्त मोनिका गुप्ता, पुलिस उपायुक्त हिमाद्री कौशिक, नगर निगम पंचकूला मेयर कुलभूषण गोयल, नगर परिषद कालका प्रधान कृष्ण लाल लांबा, राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव योगेश कुमार, एसडीएम चंद्रकांत कटारिया, नगर निगम संयुक्त आयुक्त सिमरनजीत कौर सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।