अकुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी दरें 7600 रूपये से बढ़ाकर की गई 11001.76 रूपये

Haryana CM announces annual minimum wage hike, with unskilled laborers’ wage rising to Rs 11,001.76.

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी, जोकि वित्त मंत्री भी हैं, ने आज हरियाणा विधानसभा में प्रस्तुत किए गए अपने बजट अभिभाषण में कहा कि हरियाणा प्रदेश में न्यूनतम मजदूरी दरों को हर वर्ष मंहगाई भत्ते के हिसाब से बढ़ाया जाता हैं। इस बढ़ोतरी के चलते अकुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी दरें जो वर्ष 2015 में 7600 रूपये निर्धारित की गई थी, वह अब बढ़कर 11001.76 रूपये हो गई है। आगामी वित्त वर्ष में सरकार न्यूनतम मजदूरी के मूल दरों का पुनरीक्षण एवं संशोधन करेगी।

उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में औद्योगिक विवादों के त्वरित निपटान के लिए अभी 9 श्रम न्यायालय कार्यरत हैं, जिनमें जिला अम्वाला, पानीपत, हिसार और रोहतक में एक-एक गुरुग्राम में दो व फरीदाबाद में तीन श्रम न्यायालय हैं। विवाद निपटान की प्रक्रिया को अधिक सुलभ बनाने के लिए इस वित्त वर्ष में श्रम न्यायालयों की संख्या को बढ़ाकर 14 किया जायेगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि बावल और बहादुरगढ़ में 100 बिस्तरों वाले ईएसआई अस्पताल भवनों का निर्माण तथा पंचकूला में ईएसआई डिस्पेंसरी भवन का निर्माण भी आगामी वित्तीय वर्ष 2025-2026 में पूरा कर लिया जायेगा। अस्पताल एवं डिस्पेंसरी बनाने हेतु एचएसआईआईडीसी द्वारा साहा, सोहना, खरखौदा, बहादुरगढ़, करनाल फर्रुखनगर, चरखी दादरी, छछरौली, कोसली, घरौंडा, कैथल, कुरुक्षेत्र, पटौदी, गोहाना में ईएसआईसी नई दिल्ली को रियायती दरों पर भूमि दी जाएगी।

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गिग वर्कर्स को सशक्त बनाने और उनके सामाजिक सुरक्षा कवरेज को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक नई योजना शुरू करने की घोषणा की गई। इसके तहत, राज्य में कार्यरत सभी गिग वर्कर्स के लिए एक विशेष पोर्टल बनाया जाएगा, जहाँ वे स्वयं को पंजीकृत कर सकेंगे। यह पोर्टल गिग वर्कर्स को विभिन्न सरकारी योजनाओं और अवसरों से जोड़ने का कार्य करेगा। पोर्टल पर पंजीकृत सभी गिग वर्कर्स को बीमा सुरक्षा प्रदान की जाएगी। यह बीमा योजना के अर्न्तगत गिग वर्कर्स को स्वास्थ्य, दुर्घटना और जीवन बीमा जैसी आवश्यक सुरक्षा मिलेगी। इस पहल का उद्देश्य गिग अर्थव्यवस्था में कार्यरत श्रमिकों को वित्तीय स्थिरता, सामाजिक सुरक्षा और बेहतर कार्य परिस्थितियों प्रदान करना है, जिससे वे अधिक आत्मनिर्भर बन सकें और हरियाणा के आर्थिक विकास में सक्रिय भागीदार बनें।

उन्हांेने कहा कि पांच एकड़ तक के उद्योगों के कारखाना नक्शा व कारखाना लाइसेंस आवेदन पर निर्णय करने तथा 10 एकड़ तक के उद्योगों के कारखाना लाइसेंस का नवीनीकरण करने की शक्तियां जिला स्तर पर अतिरिक्त उपायुक्त को दी जाएंगी।

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए श्रम विभाग को 96.81 करोड़ रुपये आवंटित किए जाते हैं जो चालू वर्ष के संषोधित अनुमानों से 29.80 प्रतिषत की वृद्धि है।

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