Haryana’s power sector losses reduced from 30% to 10.4% through reforms since 2014.
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले दस वर्षों में बिजली क्षेत्र में अनेक क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। इसके परिणामस्वरूप, बिजली उपक्रमों की कुल संप्रेषण एवं व्यावसायिक घाटा वर्ष 2014-15 में 30 प्रतिशत से घटकर अब केवल 10.4 प्रतिशत रह गई है। इन सुधारों के चलते प्रदेश की विद्युत व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन आया है। मुख्यमंत्री ने आज वित्त वर्ष 2025-26 का बजट प्रस्तुत किया।
राज्य के लिए यह गर्व की बात है कि हाल ही में भारत सरकार द्वारा जारी वर्ष 2023-24 की राष्ट्रीय रैंकिंग में उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम ने पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त किया है, जबकि दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम को दूसरा स्थान मिला है। यह उपलब्धि हरियाणा के ऊर्जा क्षेत्र में हुए अभूतपूर्व सुधारों का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने बताया की पूर्व मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा शुरू की गई ‘म्हारा गांव-जगमग गांव’ योजना के तहत अब तक 5,877 गांवों को 24 घंटे बिजली की सुविधा प्रदान की जा रही है। शेष 1,376 गांवों को इस योजना से जोड़ने के लिए वित्त वर्ष 2025-26 में एक नई योजना शुरू की जाएगी। प्रदेश में बिजली उत्पादन की क्षमता में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 में कुल बिजली उपलब्धता 10,729 मेगावाट थी, जो अब बढ़कर 16,015 मेगावाट हो चुकी है। सरकार का लक्ष्य अगले सात वर्षों में इसे 24,000 मेगावाट तक पहुंचाने का है, जिससे सभी उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने बताया की ऊर्जा क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए सरकार ने यमुनानगर में 1×800 मेगावाट की अल्ट्रा-सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट की स्थापना का कार्य शीघ्र शुरू करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना पर लगभग 7,272 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसे मार्च 2029 तक पूरा कर लिया जाएगा। वहीं, हिसार स्थित राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट में 1×800 मेगावाट की विस्तार इकाई लगाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है, जबकि पानीपत में 2×800 मेगावाट की अल्ट्रा-सुपर क्रिटिकल परियोजना स्थापित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने बताया की नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी हरियाणा सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है। हरियाणा विद्युत खरीद केंद्र ने 800 मेगावाट फर्म और डिस्पैचेबल अक्षय ऊर्जा की खरीद के लिए सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड के साथ बिजली आपूर्ति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके मई 2026 से चालू होने की उम्मीद है। इस 800 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा क्षमता में 1,115 मेगावाट सौर, 896 मेगावाट पवन और 938 मेगावाट बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली शामिल है।
श्री नायब सिंह सैनी ने बताया की प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत अब तक 14,250 घरों में रूफटॉप सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं। सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2027 तक 2,22,000 घरों में रूफटॉप सोलर पैनल लगाने का है। इस योजना के अंतर्गत दो किलोवाट तक के कनेक्शन वाले अंत्योदय परिवारों को अधिकतम 1,10,000 रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
श्री नायब सिंह सैनी ने बताया की गांवों की सड़कों और अमृत सरोवरों पर सौर ऊर्जा से संचालित लाइटें लगाने के लिए भी सरकार ने नई पहल की है। इसके तहत सामान्य सोलर लाइट के लिए 4,000 रुपये और ऊँचे खंभों पर लगने वाली लाइट के लिए 20,000 रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। वित्त वर्ष 2025-26 में 20,000 सौर लाइटें लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ऊर्जा क्षेत्र में इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए वित्त वर्ष 2025-26 में कुल 6,379.63 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है।