हरियाणा बना देश का पहला राज्य जहां न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जा रही हैं अधिकतम फसलें- कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा

Haryana leads in MSP crop purchases; mustard procured at ₹5950/quintal in Yamunanagar.

हरियाणा के  कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जहां सबसे अधिक फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जा रही है। उन्होंने यह बात यमुनानगर जिले के रादौर अनाज मंडी में सरसों खरीद के शुभारंभ अवसर पर कही। इस वर्ष सरसों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य 5950 रुपये प्रति क्विंटल पर की जा रही है।

कृषि मंत्री ने अनाज मंडी में आढ़तियों से बातचीत कर सरसों उठान, पैकेजिंग की उपलब्धता और अन्य समस्याओं का जायजा लिया। उन्होंने आढ़तियों से कहा कि यदि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी हो तो तुरंत सरकार को अवगत कराएं ताकि समय पर समाधान किया जा सके।

 

अधिकारियों को दिए निर्देश, लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई-

कैबिनेट मंत्री राणा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को फसल बेचने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो और खरीद कार्य को शीघ्र पूरा किया जाए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी अपने कार्यों में लापरवाही बरतता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि मंडियों में किसानों, व्यापारियों और श्रमिकों के लिए उचित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने बताया कि उन्होंने स्वयं मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से अनुरोध किया था कि सरसों खरीद को जल्द से जल्द शुरू किया जाए। इस अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने तुरंत संज्ञान लेते हुए 15 मार्च से खरीद शुरू करने की मंजूरी दी। कार्यक्रम के बाद कृषि मंत्री ने लाडवा और इंद्री अनाज मंडियों का भी दौरा किया और खरीद कार्यों का निरीक्षण किया।

 

‘किसानों की आय दोगुनी करने के लिए काम कर रही सरकार’

कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए राणा ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान और उनकी आय दोगुनी करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन में सरकार किसानों के हितों की रक्षा कर रही है। सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की समय पर घोषणा करना इस बात का प्रमाण है कि सरकार किसानों को प्राथमिकता दे रही है।

कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की कि वे जल संरक्षण करें, फसल विविधीकरण अपनाएं, पर्यावरण की रक्षा करें और पराली जलाने से बचें। उन्होंने किसानों को जल-गहन फसलों की जगह मोटे अनाज अपनाने की सलाह दी और कहा कि सरकार इस संबंध में हर संभव सहायता प्रदान करेगी।

 

धान छोडऩे वाले किसानों को मिलेगी 8000 रुपये प्रति एकड़ की सहायता

कृषि मंत्री ने घोषणा की कि हरियाणा सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में उन किसानों को 8,000 रुपये  प्रति एकड़ की अनुदान राशि देने का प्रावधान किया है, जो धान की खेती छोडक़र दूसरी फसलें उगाएंगे। इसके अलावा, धान की सीधी बुवाई (डीएसआर) के लिए दी जाने वाली सब्सिडी को भी 4,000 रुपये से बढ़ाकर 4,500 रुपये प्रति एकड़ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि खुद किसान होने के नाते, वे किसानों को सरसों, मूंग और उड़द की खेती करने की सलाह देते हैं, क्योंकि इन फसलों से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और नाइट्रोजन स्तर में सुधार होता है।

 

प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा

कैबिनेट मंत्री राणा ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना हर नागरिक के लिए जरूरी है। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने 2025-26 के बजट में प्राकृतिक खेती के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र को 25,000 एकड़ से बढ़ाकर 1 लाख एकड़ तक करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस पद्धति से न केवल मानव स्वास्थ्य को रासायनिक मुक्त भोजन मिलेगा, बल्कि पशुओं के लिए पौष्टिक चारा भी उपलब्ध होगा और बीमारियों की दर में कमी आएगी। उन्होंने प्राकृतिक खेती के फायदों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस पद्धति में रासायनिक खाद और कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों और लाभकारी सूक्ष्मजीवों के जरिए खेती की जाती है। यह पर्यावरण के अनुकूल विधि है, जो खेती की लागत को कम करने के साथ-साथ किसानों और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद है।

 

‘2014 की तुलना में 2024 में दोगुनी हुई किसानों की आय’

एक सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में किसानों की सरसों, गेहूं और धान की फसलों से जो आमदनी होती थी, वह 2024 तक दोगुनी हो गई है। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों को दिया।

 

कृषि यंत्रों पर सब्सिडी के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा

कैबिनेट मंत्री राणा ने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर आवश्यक कृषि यंत्रों पर सब्सिडी की मांग की है। इसके अलावा, हरियाणा सरकार ने हाल ही में बजट सत्र के दौरान किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए हैं।

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