हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कंवर पाल ने बताया कि अब राज्य में मधुमक्खी पालन से जुड़े किसानों को इस व्यवसाय से संबंधित उपकरण सस्ती दरों पर उपलब्ध होंगे। प्रदेश सरकार ने इन उपकरणों की दरें निश्चित कर दी हैं। आज “हाई पॉवर परचेज कमेटी” की बैठक में करीब 6.5 करोड़ रुपए की लागत के उपकरणों की दरें तय की गई। यह किसानों की लंबे समय से मांग चली आ रही थी कि मधुमक्खी पालन में काम आने वाले उपकरणों की गुणवत्ता और दरें निर्धारित की जानी चाहिएं।
“हाई पॉवर परचेज कमेटी” के चेयरमैन एवं कृषि मंत्री कंवर पाल ने बैठक के बाद जानकारी दी कि प्रदेश सरकार की किसान हितैषी नीतियों की बदौलत राज्य में पिछले 10 वर्षों में मधुमक्खी पालन का व्यवसाय तेजी से फला-फुला है। कई किसानों ने इस व्यवसाय को अपनाकर कृषि-विविधीकरण की तरफ कदम बढ़ाया है जो कि कृषि-जोत कम होने पर यह अच्छी पहल है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष राज्य में मधुमक्खी पालकों ने 5000 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन किया था जिसकी बाज़ार में करीब 55 करोड़ रूपये क़ीमत है।
कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा मधुमक्खी पालकों को शहद एकत्रित करने तथा इस व्यवसाय से संबंधित अन्य उपकरणों को खरीदने पर लागत में 80 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है। किसानों की डिमांड होती थी कि मधुमक्खी पालन के उपकरण बाज़ार में या तो मिलते नहीं , अगर मिलते हैं तो महंगी दरों पर निम्न क्वालिटी के मिलते हैं जिससे उनकी आमदनी पर असर पड़ रहा है।
कंवर पाल ने बताया कि कुरुक्षेत्र जिला के रामनगर में इजऱायल और भारत सरकार का “एकीकृत मधुमक्खी विकास केंद्र” स्थापित किया गया है जिसमें किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण तथा अन्य जानकारी दी जाती है। उन्होंने बताया कि किसानों की समस्या को समझते हुए प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि इसी केंद्र में कुछ निर्धारित दरों की दुकानें शुरू की जाएं जहां पर मधुमक्खी पालन के उपकरण आसानी से उपलब्ध हो सकें। यहां पर एक परिसर की छत के नीचे किसानों को अच्छी गुणवत्ता के “बी-बॉक्सेस”, “बी -टूल किट”, “बी-ब्रश”, “बी-ग्लॉव्स”, “बी-फीडर”, रानी मक्खी का पिंजरा, शहद निकालने की मशीन समेत अन्य उपकरण उपलब्ध होंगे। आज कृषि मंत्री की अध्यक्षता में हुई “हाई पॉवर परचेज कमेटी” की बैठक में करीब 6.5 करोड़ रुपए की लागत के उपकरणों के टेंडर फाइनल किये गए।