भाखड़ा-ब्यास इम्पलाईज यूनियन की क्रमिक भूख हड़ताल 29वें दिन भी जारी

Bhakra Beas Employees Union’s hunger strike reaches 29 days; demands still unmet by management.

भाखड़ा ब्यास इम्पलाईज यूनियन, एटक-ऐफी द्वारा कर्मचारियों की लम्बित मांगों को लेकर बीबीएमबी मुख्यालय, सैक्टर 19-बी के समक्ष चल रही क्रमिक भूख हड़ताल आज 29वें दिन में प्रवेश हो गई।

भूख हड़ताल पर बैठे शाखा नरेला यूनिट के प्रदीप कुमार व रविंद्र सिंह को लखमीं चंद वित्त सचिव केंद्रीय कार्यकारिणी व कामरेड काबुल सिंह ने जूस पिलाकर उठाया और अगले 24 घंटे के लिए शाखा पानीपत यूनिट के प्रमोद कुमार व कीमती को हार पहनाकर बैठाया। यूनियन के वित्त सचिव लखमी चंद ने कहा है कि भाखड़ा -ब्यास इम्प्लाइज यूनियन (एटक) ऐफी को क्रमिक भूख हड़ताल करते हुए लगातार 29 दिन हो गए हैं, पर बोर्ड प्रबंधन ने अभी तक उनकी मांगें पूरी करने पर कोई ध्यान नहीं दिया है। परिणाम स्वरूप बीबीएमबी कर्मचारियों में बोर्ड प्रबंधन के प्रति दिनों-दिन रोष बढ़ता जा रहा है।

सगंठन ने कर्मचारियों के रोष को देखते हुए निर्णय लिया है कि अगर बोर्ड अध्यक्ष व बोर्ड प्रशासन ने यदि 15 फरवरी तक मांगों का हल नहीं निकाला तो 16 फरवरी से आमरण अनशन शुरू  कर दिया जाएगा और इस आमरण अनशन में किसी भी सेवानिवृत्त, पार्ट टाइम, डेली वेज, अनुबंधित एवं नियमित कर्मचारी के साथ कोई भी हादसा या घटना घटित होने की स्थिति में बोर्ड प्रबंधन स्वयं उत्तरदायी होगा।

इस मौके पर यूनियन के महासचिव सुरेश कुमार सैनी ने बताया कि यूनियन ने 2022/23 व 2023/24 का उत्पादन भत्ता, राजस्थान से आए कर्मचारियों को बीबीएमबी के वेतनमान देने, अनुबंधित कर्मचारियों को नियमित सहित ओवर टाइम मैडीकल व छुट्टियों सहित सभी नियमित की भांति सहुलियत देना, 1.1.2016 से 30.6.2021 तक बकाया एरियर देना, पार्ट टाइम कर्मचारियों का समय बढाना, डीसी रेट सैंटर का देना व नियमित करने हेतु, कैशलेस सुविधा देने बारे, आउटसोर्स भर्ती बंद कर के सीधी भर्ती करने तथा डेली वेज कर्मचारियों के मैनडेज कंटीन्यू व नियमित करने व ब्यास डैम के पचास साला सिलवर जुबली मनाने के उपलक्ष में दो-दो वेतन देने बारे तथा पेस्को के माध्यम से रखे कर्मचारियों को श्रमायुक्त, चण्डीगढ़ के आदेशानुसार सभी को बकाया एरियर देने सहित अन्य सभी मांगों का स्थाई हल करवाने को लेकर क्रमिक भूख हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था और अब जब तक उपरोक्त मागों का समाधान नहीं होता तब तक ये संघर्ष जारी रहेगा।

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