दिव्यांगजनों के लिए नायब सरकार का बड़ा फैसला, हरियाणा में अब 10 और श्रेणियों के दिव्यांगजनों को मिलेगी पेंशन, 32 हजार दिव्यांग होंगे लाभान्वित।

Haryana amends Divyang Pension Rules, adding 10 categories to enhance opportunities and quality of life.

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में वीरवार को चंडीगढ़ में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्रिमंडल ने हरियाणा दिव्यांग पेंशन नियम, 2016 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 10 अन्य श्रेणियों के तहत दिव्यांगजनों को पेंशन का लाभ देने का निर्णय लिया है।

केंद्र सरकार द्वारा दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत 21 प्रकार की दिव्यांग श्रेणियों को शामिल किया गया है। वर्तमान में, हरियाणा सरकार 11 श्रेणियों में दिव्यांगजनों को पेंशन का लाभ प्रदान कर रही है। अब हरियाणा सरकार ने शेष 10 श्रेणियों को भी लाभांवित करने का फैसला किया है, जिसके तहत 32,000 दिव्यांगजन लाभांवित होंगे।

इन 10 श्रेणियों में प्रमस्तिष्क घात, मांसपेशीय दुर्विकास, वाक् और भाषा दिव्यांगता, बहु-स्केलेरोसिस, पार्किंसंस रोग, सिकल कोशिका रोग, बहु-दिव्यांगता, विनिर्दिष्ट सीख दिव्यांगता, स्वपरायणता स्पेक्ट्रम विकार और चिरकालिक तंत्रिका दशाएं शामिल है। वर्तमान में, यूडीआईडी पोर्टल के अनुसार हरियाणा में 2,08,071 लाभार्थियों को दिव्यांग पेंशन के रूप में 3 हजार रुपये प्रति माह प्रदान किए जा रहे हैं।

अब नियमों में शेष 10 दिव्यांगता श्रेणियों को शामिल करने से लगभग 32 हजार व्यक्ति इस पेंशन का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे। इसके अलावा, बैठक में हीमोफीलिया और थैलेसीमिया से पीड़ित रोगियों के मामले में वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए आयु सीमा को समाप्त करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में हीमोफीलिया और थैलेसीमिया से पीड़ित रोगियों को वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए आयु सीमा न्यूनतम 18 साल है। साथ ही, यह भी निर्णय लिया गया कि हीमोफीलिया, थैलेसीमिया व सिकल सैल एनेमिया के लिए वित्तीय सहायता पहले से प्राप्त किसी भी अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अतिरिक्त होगी। यह सरकार की दिव्यांगजनों के कल्याण व स्वस्थ बनाने की निरंतर प्रतिबद्धता है और यह सुनिश्चित करना है कि वे सुखद जीवन के लिए सरकार से आवश्यक सहयोग प्राप्त करते रहें।

 

 

मुख्यमंत्री ने एक बार फिर छोटे व्यापारियों को सशक्त बनाने और राज्य में व्यापार के अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। संकल्प पत्र में किए गए वादे को पूरा करते हुए सरकार ने कर बकाया राशि की वसूली के लिए ‘हरियाणा एकमुश्त निपटान योजना 2025‘ शुरू की है, जिसका उद्देश्य जीएसटी व्यवस्था से पहले के अधिनियमों के तहत मुकदमेबाजी के बोझ को कम करना, बकाया राशि की वसूली में तेजी लाना और छोटे करदाताओं को राहत देना है।

राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में ‘हरियाणा एकमुश्त निपटान योजना 2025‘को मंजूरी दी गई।जीएसटी से पहले के सात अधिनियमों के तहत बकाया कर देनदारियों के निपटान के लिए तैयार की गई नई योजना में, किसी एक अधिनियम के तहत 10 लाख रुपये तक की बकाया देनदारियों वाले करदाताओं को 1 लाख रुपये तक की रियायत दी जाएगी। साथ ही, शेष मूल कर राशि का 60 प्रतिशत भी माफ किया जाएगा।इसके अलावा, 10 लाख रुपये से अधिक और 10 करोड़ रुपये तक की बकाया देनदारियों वाले करदाताओं को भी उनकी कर राशि पर 50 प्रतिशत की रियायत मिलेगी। इस योजना से 2 लाख से अधिक करदाताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।

विशेष रूप से, इस योजना का लाभ उठाने वाले सभी करदाताओं की ब्याज और जुर्माना राशि पूरी तरह से माफ कर दी जाएगी। 10 लाख रुपये से अधिक की निपटान राशि वाले करदाताओं को अपनी मूल राशि दो किस्तों में चुकाने की अनुमति होगी। यह योजना सात अधिनियमों के तहत परिमाणित बकाया राशि के लिए लागू है, अर्थात् हरियाणा मूल्य वर्धित कर अधिनियम, 2003 (2003 का 6), केंद्रीय बिक्री कर अधिनियम, 1956 (1956 का केंद्रीय अधिनियम 74), हरियाणा स्थानीय क्षेत्र विकास कर अधिनियम, 2000 (2000 का 13), स्थानीय क्षेत्रों में वस्तुओं के प्रवेश पर हरियाणा कर अधिनियम, 2008 (2008 का 8), हरियाणा विलासिता कर अधिनियम, 2007 (2007 का 23), पंजाब मनोरंजन शुल्क अधिनियम, 1955 (पंजाब अधिनियम 16, 1955), हरियाणा सामान्य बिक्री कर अधिनियम, 1973 (1973 का 20)।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2029-30 तक की अवधि के लिए सतत विकास हेतु हरियाणा स्वच्छ वायु परियोजना (हरियाणा क्लीन एयर प्रोजेक्ट फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट) को मंजूरी दी गई।

इस परियोजना का उद्देश्य भारत-गंगा के मैदान  ( इंडो गंगेटिक प्लेन) में वायु की गुणवत्ता में सुधार करना और प्रदूषण के उत्सर्जन को कम करना है, जो कई राज्यों की सीमाओं में फैला हुआ है। सतत विकास हेतु हरियाणा स्वच्छ वायु परियोजना (HCAPSD) को विश्व बैंक द्वारा मदद दी जा रही है। यह खास पहल हरियाणा सरकार की है।

इस परियोजना के लिए कुल प्रस्तावित बजट 3,647 करोड़ रुपये है। इस परियोजना को विश्व बैंक के परिणाम कार्यक्रम (PforR) तंत्र के माध्यम से वित्तपोषित किया जाएगा। यह परियोजना राज्य में वायु गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों को मजबूत करने में सहायता करेगी, साथ ही भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में के साथ भी तालमेल बनाएगी।

यह क्षेत्र-विशिष्ट वायु प्रदूषण निवारण उपायों को डिजाइन करने और लागू करने तथा सीमा-पार उत्सर्जन को कम करने के लिए भारत-गंगा के मैदान (आईजीपी) राज्यों के बीच समन्वय को सुविधाजनक बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसके अतिरिक्त, परियोजना का उद्देश्य हरियाणा के शहरों में नागरिकों के लिए ‘जीवन की सुगमता’ को बढ़ाना भी है।

हरियाणा सरकार ने हरियाणा राज्य लघु सिंचाई एवं नलकूप निगम (एचएसएमआईटीसी) की तर्ज पर कॉन्फेडहरियाणा मिनरल्स लिमिटेड (एचएमएल) तथा हथकरघा एवं निर्यात निगम के उन पूर्व कर्मचारियों से वसूली योग्य राशि माफ करने का निर्णय लिया हैजिन्होंने वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के तहत लाभ प्राप्त किया था। निर्णय के अनुसार, 1 अक्टूबर, 2020 से पहले की अवधि के लिए भुगतान की गई कुल मूल राशिकॉनफेडहरियाणा मिनरल्स लिमिटेड (एचएमएल) और हैंडलूम एंड एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन के पूर्व कर्मचारियों से बिना ब्याज के वसूल की जाएगी।

वसूली एक वर्ष तक सीमित होगीविशेष रूप से अक्टूबर 2019 से सितंबर 2020 तक। इसके अतिरिक्त, 1 अक्टूबर, 2020 के बाद भुगतान की गई कुल मूल राशि भी उसी तर्ज पर बिना ब्याज के वसूल की जाएगी।कॉन्फेड, हरियाणा मिनरल्स लिमिटेड और हरियाणा हैंडलूम एंड एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन के पूर्व कर्मचारियों से वसूली के लिए लंबित कुल मूल राशि 1,46,89,690 रुपयेजो 1 अक्टूबर, 2019 से पहले की अवधि से संबंधित हैमाफ कर दी जाएगी।इन तीनों निगमों के किसी भी पूर्व कर्मचारी की मानदेय की पात्रता बकाया मूल राशि की वसूली तथा जिले में संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी से नो ड्यूज प्रमाण पत्र प्राप्त करने के अधीन 1 अक्टूबर, 2020 से ही प्रभावी होगी।

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