ब्राह्मण महासभा अध्यक्ष सहित बड़े ब्राह्मण नेता भाजपा में शामिल
रोहतक: । बड़ी प्रचलित कहावत है कि सब उगते हुए सूर्य को ही प्रणाम करते हैं, डूबते सूरज की ओर कोई नहीं देखता। हरियाणा विधानसभा चुनावों के चढ़ते सियासी पारे के बीच एक बार फिर इस कहावत का उदाहरण चरितार्थ होता दिख रहा है। केन्द्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर की उपस्थिति में हरियाणा ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा बड़ौता ने अलग-अलग जिलों के करीब 50 से अधिक ब्राह्मण नेताओं के साथ गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। इसे चुनावों से पहले भाजपा के लिए एक बड़ी कूटनीतिक विजय के रूप में देखा जा रहा है।
50 से अधिक ब्राह्मण नेताओं ने जताया भाजपा पर विश्वास
ब्राह्मण महासभा हरियाणा में ब्राह्मण समाज का सबसे शीर्ष संगठन है जो राजनैतिक क्षेत्र में लगातार अपनी सक्रियता दर्ज कराता रहा है। गुरुवार को ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा के साथ अलग-अलग जिलों के कई अन्य ब्राह्मण नेता भी भाजपा में शामिल हो गए। कैथल से सर्व ब्राह्मण सभा के महासचिव विजय शर्मा, युवा सभा के प्रदेश अध्यक्ष पंडित ईश्वर शर्मा, रोहतक से ललित कौशिक, ओमकार पराशर, कपिल कौशिक, करनाल से जिला अध्यक्ष सुशील गौतम, चरखी दादरी से प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित अजय कौशिक, हिसार से ब्राह्मण सभा संरक्षक राजकुमार भारद्वाज, फतेहाबाद से डॉ राकेश शर्मा और भिवानी से सिलक राम सहित 50 से अधिक ब्राह्मण समाज के नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी में अपनी आस्था प्रकट हुए सदस्यता प्राप्त की, और आगामी विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने का संकल्प लिया।
लगातार ‘फ्रंट फुट’ पर खेल रही भाजपा
हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा लगातार फ्रंट-फुट पर खेल रही है। प्रदेश में पहले ही दूसरे दलों के कई नेता भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर चुके हैं, जिनमें पूर्व मंत्री देवेन्द्र बबली, संजय कबलान, रामकुमार गौतम और अनूप धानक जैसे बड़े नाम शामिल हैं। वहीं शक्ति रानी शर्मा और सुनील सांगवान जैसे नेताओं ने भी भाजपा में विश्वास जाहिर करते हुए पहले ही सदस्यता ग्रहण कर ली है।
नेताओं व कार्यकर्ताओं को भाजपा में सुरक्षित दिख रहा भविष्य
हरियाणा विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद से ही एक के बाद एक कई दिग्गज नेताओं के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का सिलसिला शुरू हो गया था, जो अभी तक नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद भी अनवरत चल रहा है। राजनैतिक विशेषज्ञों की मानें तो हरियाणा विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा की मजबूत स्थिति इसका बड़ा कारण है। प्रत्येक नेता और कार्यकर्ता अपने राजनैतिक भविष्य के लिए एक सुरक्षित, मजबूत और विश्वसनीय आधार की अपेक्षा करता है, और हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ऐसा ही एक आधार बनकर उभरी है। बिना खर्ची-पर्ची की नौकरी, बेहतर सड़कें और इन्फ्रस्ट्रक्चर और महिलाओं के लिए की गई योजनाओं के कारण भारतीय जनता पार्टी हरियाणा चुनाव से पहले काफी मजबूत स्थिति में है, और चुनाव परिणामों के अपने पक्ष में आने को लेकर काफी हद तक आश्वस्त है। इसी सुरक्षित भविष्य को देखते हुए सूबे के बड़े नेताओं के लगातार पार्टी में शामिल होने की खबरें आ रही हैं, और भाजपा का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है।
कांग्रेस जहां एक ओर अपने नेताओं के विवादित बयानों के कारण दलित समाज और सिख समुदाय के विरोध का सामना कर रही है, वहीं दूसरी ओर भाजपा लगातार अलग-अलग समुदायों का समर्थन प्राप्त करती जा रही है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा की भाजपा की इस फ्रंट-फुट की रणनीति का कांग्रेस कैसा तोड़ निकाल पाती है।