Chronic Myeloid Leukemia (CML): Chronic Myeloid Leukemia एक विशेष प्रकार का Blood Cancer है। इस बीमारी में कैंसर हड्डी मज्जा में होता है। यह बहुत गंभीर और खतरनाक बीमारी है।
इस बीमारी में सामान्यतः रक्त में मौजूद सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या असामान्य रूप से बढ़ने लगती है। यह कैंसर का गंभीर प्रारंभ हो सकता है। भारतीयों में यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है।
यह बीमारी आमतौर पर 30 से 40 वर्ष की उम्र के लोगों में देखी जाती है। हालांकि, Chronic Myeloid Leukemia यानी CML बीमारी शरीर में धीरे-धीरे बढ़ती है। अगर इस बीमारी को समय पर पहचाना जाए, तो उसका इलाज संभव है।
इसे समय-समय पर रक्त परीक्षण करवाना बहुत महत्वपूर्ण होता है ताकि इस बीमारी की पहचान समय पर हो सके। रक्त में BCR-ABL के माध्यम से प्रोटीन की पहचान होती है। यह प्रोटीन CML के लिए जिम्मेदार होता है। अगर आप नियमित रूप से इस टेस्ट को करवाते हैं, तो आपको तुरंत पता चल जाता है कि क्या आपको CML है। इसे प्रारंभिक चरण में इलाज किया जा सकता है।
CML कैंसर की पहचान
CML कैंसर को पहचानना प्रारंभिक चरण में बहुत महत्वपूर्ण होता है। जब आपके शरीर में निरंतर बदलाव हो रहे हों, तो इसे विशेष ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। आमतौर पर इसके प्रारंभिक लक्षण हड्डियों में निरंतर दर्द, रक्तस्राव, थोड़े खाने के बाद पेट में सूजन, अत्यधिक थकान, बिना प्रयास के वजन में बढ़त, पसीने की बहुत होती है, सपनों में रात को पसीना आना और धुंधली दृष्टि हो सकती है। हड्डियों में दर्द, भूख की कमी, नींद में पसीना और ब्लर्ड विजन भी CML कैंसर के प्रारंभिक लक्षण हो सकते हैं।
CML कैंसर के कारण
CML कैंसर एक प्रकार का Blood Cancer है जब हड्डी की मज्जा की कोशिकाओं में कई प्रकार के बदलाव होने लगते हैं। मानव कोशिकाओं में 23 जोड़े क्रोमोसोम होते हैं, जिनमें जीन्स होते हैं। ये जीन्स कोशिकाओं को बताते हैं कि अगला क्या करना है। जब इनमें कई प्रकार के बदलाव हो जाते हैं, तो इसे CML कैंसर कहा जाता है। इसमें क्रोमोसोम के सेट में बदलाव होते हैं, जैसे कि क्रोमोसोम 9 का एक हिस्सा क्रोमोसोम 22 से बदल दिया जाता है। इससे एक छोटा क्रोमोसोम 22 और एक लंबा क्रोमोसोम 9 बनता है।
ब्रिटेन की नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने दावा किया कि 19 प्रकार के कैंसर को खून की जांच के माध्यम से पहचाना जा सकता है। इसके अलावा, कैंसर को उसके होने से 7 वर्ष पहले ही खून की जांच के माध्यम से पहचाना जा सकता है। ब्रिटेन से 44 हजार लोगों के रक्त के नमूने लिए गए थे, जिनमें से 4 हजार 900 लोगों को कैंसर था। शोध दल ने 1463 लोगों के रक्त से प्रोटीन की जांच की। यह जांच किस प्रोटीन को कैंसर से जोड़ा जा सकता है, इसे जानने के लिए की गई थी। इस शोध में पाया गया है कि 618 प्रकार के प्रोटीन 19 प्रकार के कैंसर से जुड़े हैं। इनमें आंत, फेफड़ों, गैर-हॉजकिंस लिम्फोमा और जिगर कैंसर शामिल हैं। इस पर और अधिक शोध की आवश्यकता है।