भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार तय समयावधि में चुनावी खर्च का ब्यौरा न देने वाले उम्मीदवारों को भविष्य में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इस बार विधानसभा आम चुनाव के लिए प्रति उम्मीदवार चुनाव खर्च की अधिकतम सीमा 40 लाख रुपये है। नियम के अनुसार सभी उम्मीदवारों को चुनाव खर्च नामांकन दाखिल करने के दिन से किए गए सभी खर्चों के साथ ही नामांकन की तारीख से पहले प्रचार के लिए तैयार की गई सामग्री पर किए गए खर्चों का भी हिसाब रखना होगा। नामांकन के बाद की अवधि के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली प्रचार सामग्री पर खर्च, नामांकन दाखिल करते समय आयोजित रैली या जुलूस से संबंधित सभी खर्च उम्मीदवारों के खातों में शामिल किए जाएगे।
श्री पंकज अग्रवाल ने बताया कि उम्मीदवार को चुनावी खर्च की गणना के लिए अलग से अपने रोजाना के चुनावी खर्च का हिसाब रखना होता है और अलग से बैंक खाता भी खुलवाना होता है। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक खर्च की गणना चलती है। इस दौरान कोई भी उम्मीदवार तय सीमा से ज्यादा पैसा नहीं खर्च कर सकता है।
उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार उम्मीदवारों या राजनीतिक दलों द्वारा 10 हजार रुपये से अधिक का चुनाव खर्च सभी स्थितियों में क्रॉस्ड अकाउंट पेयी चेक, ड्राफ्ट, आरटीजीएस/एनईएफटी या चुनाव के उद्देश्य से खोले गए उम्मीदवार के बैंक खाते से जुड़े किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक मोड द्वारा करना होगा। उन्होंने बताया कि जैसे ही विधानसभा आम चुनाव के परिणाम घोषित होंगे, उस तिथि से एक माह के अंदर-अंदर उम्मीदवारों को अपने चुनाव खर्च का ब्यौरा देना अनिवार्य है।