Haryana CM directs officers to prioritize and implement welfare schemes for citizens’ benefit and prosperity.
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केंद्र व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं व नीतियों का जमीनीस्तर पर क्रियान्वयन समयबद्ध तरीके से किया जाना सुनिश्चित करें, ताकि आमजन को त्वरित लाभ मिले। नागरिकों के जीवन को सुगम व खुशहाल बनाना सरकार का दायित्व है, इसलिए सभी अधिकारी प्राथमिकताएं तय करते हुए जनता की परेशानियों व शिकायतों का समाधान करें।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश आज यहां प्रशासनिक सचिवों और जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य स्तरीय दिशा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। बैठक की सह-अध्यक्षता विकास एवं पंचायत मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार ने की। बैठक में लोकसभा सांसद श्री धर्मबीर सिंह, श्री नवीन जिंदल, श्री जय प्रकाश, विधायक श्री राम कुमार कश्यप, श्री विनोद भ्याना, श्री तेजपाल तंवर, श्री कपूर सिंह, श्रीमती सावित्री जिंदल और श्री देवेंद्र कादियान भी मौजूद रहे। बैठक के दौरान केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की समीक्षा करते हुए जिला उपायुक्तों को सख्त निर्देश दिए कि इस योजना के तहत लंबित लगभग 77,000 लाभार्थियों द्वारा किए गए आवेदनों की जियो टैगिंग का कार्य आगामी 15 दिनों में पूरा किया जाए, ताकि जल्द से जल्द इन लाभार्थियों को मकान बनाने के लिए किस्त जारी की जा सके। साथ ही, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत नई सूची तैयार करने के लिए भी सर्वे का कार्य तीव्र गति से करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि 1.80 लाख रुपये तक वार्षिक आय वाले गरीब परिवारों को आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना 2.0 के तहत महाग्राम पंचायत में 50 वर्ग गज के भूखंड और सामान्य ग्राम पंचायत मे 100 वर्ग गज के भूखंड उपलब्ध कराए गए हैं। पहले चरण में 62 ग्राम पंचायतों (61 सामान्य ग्राम पंचायत व 1 महाग्राम पंचायत) मे ड्रा के माध्यम से 4533 परिवारों को भूखंड आवंटित कर दिया गया है। इन लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत मकान बनाने के लिए राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। अगले चरण के लिए 1,000 पंचायतों को चिह्नित कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि भ्रूण जांच करने वाले व करवाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग मिलकर इस दिशा में तीव्र गति से कार्य करें। इसके अलावा, उपायुक्तों को निर्देश दिए कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को बाजार की सुविधा सुनिश्चित करवाने के लिए सांझा बाजार हेतु स्थान चिन्हित करें।
स्कूल ड्रॉप आउट कम करने के लिए की जाए बच्चों की ट्रैकिंग
मुख्यमंत्री ने समग्र शिक्षा की समीक्षा करते हुए कहा कि स्कूल ड्रॉप आउट पर अंकुश लगाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 6 से 18 वर्ष के बच्चों की ट्रैकिंग की जाए, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि हर बच्चे को गुणवत्तापरक शिक्षा मिले, यह सरकार की जिम्मेदारी है। इसलिए स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ अन्य सुविधाओं पर भी जोर दिया जाए। स्कूलों में सिविल कार्यों की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि 13 हजार कार्यों के विरूद्ध 9400 कार्य पूरे हो चुके हैं और अन्य कार्य प्रगति के विभिन्न चरणों में हैं। इसके अलावा, 1381 स्कूलों में कौशल के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रम लागू किए गए हैं, जिनमें 1 लाख 95 हजार छात्र व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। 1074 स्कूलों में 2238 कौशल प्रयोगशालाएं भी स्थापित की गई हैं।
बैठक में बताया गया कि गरीब परिवारों को 500 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध करवाने के लिए चलाई जा रही हर घर-हर गृहिणी योजना के तहत अब तक 15 लाख लाभार्थियों ने अपना पंजीकरण करवाया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस योजना का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधि भी लोगों से आह्वान करें कि वे इस योजना का लाभ अवश्य उठाएं।
सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए किए जाएं विशेष प्रयास
मुख्यमंत्री ने सिंचाई योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। प्रदेशभर में टूटे हुए या कच्चे खालों को भी चरणबद्ध तरीके से पक्का किया जाए। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवरों के माध्यम से भी स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरूक किया जाए। उन्होंने कृषि क्लिनिक व कृषि व्यवसाय केंद्र योजना की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्मी कम्पोस्ट, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, शहद उत्पादन इत्यादि गतिविधियों की समीक्षा करके इनका बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने राष्ट्रीय गोकुल मिशन की समीक्षा करते हुए कहा कि गायों की नस्लों में सुधार हेतु चलाई जा रही योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन किया जाए।
बैठक में बताया गया कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 के दौरान 26.50 करोड़ रुपये आवंटित किए, जिसका लक्ष्य 25,000 एकड़ भूमि को कवर करना है। प्राकृतिक खेती पोर्टल पर अब तक 23,776 किसानों ने 39,423 एकड़ भूमि के लिए पंजीकरण कराया है। इसके अलावा, 493 देसी गायों की खरीद पर 1.23 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की गई है। 2500 किसानों को ड्रम खरीदने के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से 75 लाख रुपये वितरित किए गए हैं। बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देते हुए अब तक प्रदेश की 2.85 लाख एकड़ भूमि को सिंचित किया गया है।
पंचायत प्रतिनिधियों की करवाई जाएगी ट्रेनिंग
बैठक में जानकारी दी गई कि राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत पंचायत प्रतिनिधियों को सरकारी योजनाओं की जानकारी हेतु ट्रेनिंग करवाने की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। इस वर्ष सभी ज़िला पार्षदों, पंचायत समिति सदस्यों तथा ग्राम पंचायत सरपंचों की 31 मार्च, 2025 तक ट्रेनिंग करवाई जाएगी। आगामी वित्त वर्ष में सभी पंचों की ट्रेनिंग करवाने हेतु कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। बैठक में जानकारी दी गई कि सरकार द्वारा गांव की फिरनी से 3 किलोमीटर के दायरे तक नियमों में बदलाव करने के परिणामस्वरूप प्रदेश में 2547 ढाणियों में बिजली के कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं।
बैठक में बताया गया कि डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत हरियाणा भूमि रिकॉर्ड सूचना प्रणाली को क्रियान्वित किया गया है। इसके अंतर्गत, वर्ष 2024-25 के दौरान अब तक विभाग ने 10,71,281 ई-स्टांप जारी की। वर्ष 2024-25 के दौरान राजस्व विभाग द्वारा 11,043.92 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त की गई। इसके अलावा, 2.32 करोड़ से अधिक दस्तावेजों को डिजिटाइज किया गया।
बैठक में बताया गया कि हरियाणा के 2987 गांवों को ओडीएफ प्लस मॉडल गांव घोषित किया जा चुका है और 31 मार्च, 2025 तक कुल 3646 गांव ओडीएफ प्लस मॉडल गांव घोषित हो जाएंगे। ओडीएफ प्लस मॉडल के तहत गांवों को खुले में शौच से मुक्त करने के साथ-साथ ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन गतिविधियों को क्रियान्वित किया जाएगा।
बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अरूण गुप्ता, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ साकेत कुमार, विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ अमित अग्रवाल और मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव श्री यश पाल सहित विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिव मौजूद रहे।