मुख्यमंत्री ने कसुम्पटी एसी में 43.37 करोड़ की परियोजनाएं समर्पित कीं, पीरन से शिमला तक बस सेवा की घोषणा की

CM Sukhu inaugurated development projects worth ₹43.37 crore in Kasumpatti constituency, including educational buildings.

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के लोगों को 43.37 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं समर्पित कीं।

उन्होंने चलौंठी में 20.26 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित जिला परिषद भवन का उद्घाटन किया। उन्होंने 21.36 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित राजकीय महाविद्यालय कोटी के नए भवन तथा 1.75 करोड़ रुपये की लागत से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोटी में नवनिर्मित विज्ञान खंड का भी उद्घाटन किया।

उन्होंने कोटी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के लिए 10 अतिरिक्त बिस्तरों तथा अधिक स्टाफ की घोषणा की तथा आश्वासन दिया कि आपातकालीन जरूरतों को पूरा करने के लिए सीएचसी में एक एम्बुलेंस उपलब्ध करवाई जाएगी। कोटी में पुलिस चौकी खोलने के साथ-साथ मुख्यमंत्री ने कोटी-पडेची तथा कोटी-मुण्डाधार सड़कों के सुधार के लिए 50-50 लाख रुपये की घोषणा की। उन्होंने सतलाई के लिए एक नए पटवार सर्कल की भी घोषणा की। उन्होंने पीरन से शिमला वाया कुफरी बस सेवा की भी घोषणा की। उन्होंने कोटी में आधुनिक परिसर के विकास पर गर्व व्यक्त किया, जो ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह के प्रयासों से संभव हुआ है। उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार अगले शैक्षणिक सत्र से कोटी को हिमाचल प्रदेश का पहला ऐसा कॉलेज बनाने की योजना बना रही है, जहां बी.एड. कक्षाएं शुरू होंगी। इसके अलावा सरकार राज्य के अन्य कॉलेजों में बी.एड. और आईटीआई पाठ्यक्रम शुरू करने पर विचार कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में लापरवाही और पिछली सरकार के फिजूलखर्ची के कारण शिक्षा का स्तर गिर गया था। उन्होंने आश्वासन दिया कि वर्तमान राज्य सरकार लगातार इस प्रवृत्ति को बदलने के लिए काम कर रही है और राज्य भर में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने के अलावा 800 ‘उत्कृष्टता स्कूल’ स्थापित कर रही है। उन्होंने कहा कि शैक्षिक सुधारों के साथ-साथ सरकार पूरे राज्य और विशेष रूप से आईजीएमसी शिमला में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को भी मजबूत कर रही है।

भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए श्री सुक्खू ने कहा कि विपक्षी नेता सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर छोटे-छोटे मुद्दों को हवा दे रहे हैं और इस तरह सरकार को देशभर में बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने विपक्ष के व्यक्तिगत हमलों का कड़ा जवाब देते हुए कहा कि वे डरने वाले नहीं हैं तथा प्रदेश की जनता के सर्वोत्तम हित में तथा पटरी से उतर चुकी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए निर्णय लेते रहेंगे, जिसका प्रदेश की 70 प्रतिशत आबादी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार को पिछली सरकार से खाली खजाना विरासत में मिला है। उन्होंने चुनाव से पूर्व पिछले छह महीनों में 900 संस्थान खोले तथा वर्तमान सरकार के विकास कार्यों की चर्चा नहीं करते तथा अप्रासंगिक बयानबाजी करते हैं, जो कि हाल ही में हुए उपचुनावों में वर्तमान सरकार की जीत के पश्चात उनकी हताशा को दर्शाता है।

अपनी सरकार की पहलों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पहली कैबिनेट बैठक में मनरेगा मजदूरों की मजदूरी 240 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये की तथा 1.36 लाख कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल किया। इसके अलावा गाय व भैंस के दूध का मूल्य क्रमश: 45 रुपये व 55 रुपये किया गया है। प्राकृतिक खेती से उत्पादित गेहूं की खरीद 15 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है। उन्होंने कहा कि ये कदम चुनावी लाभ के लिए नहीं उठाए गए हैं, बल्कि ग्रामीण नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए उठाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने धनवानों पर भरोसा किया और अपने चहेतों को मुफ्त में चीजें बांटी, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार लोगों के कल्याण पर ज्यादा ध्यान दे रही है। उन्होंने सुख आश्रय योजना के तहत की गई पहलों और इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान योजना के तहत महिलाओं को दिए जा रहे लाभों का भी उल्लेख किया।

ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विभिन्न विकास परियोजनाओं को समर्पित करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में अब महत्वपूर्ण विकास परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें सड़कों पर 40 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इस अवसर पर राज्य वन निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह काछी, एपीएमसी शिमला के अध्यक्ष देवानंद वर्मा, जिला परिषद अध्यक्ष चंद्रप्रभा नेगी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

Spread the News