CM Thakur Sukhu chaired the 49th Tribal Advisory Council meeting, focusing on tribal welfare and development.
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां हिमाचल प्रदेश जनजातीय सलाहकार परिषद की 49वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, बिजली, पेयजल और बुनियादी ढांचे सहित विभिन्न विकासात्मक मुद्दों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि ऐसी बैठकें जनजातीय समुदायों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने और उनके कल्याण और प्रगति के लिए नीतियां बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जनजातीय उपयोजना और जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत 890.28 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिसमें गैर-योजना व्यय के लिए 1,145.46 करोड़ रुपये अतिरिक्त आवंटित किए गए हैं। नियोजित बजट में भवनों, सड़कों और पुलों के निर्माण के लिए 117.43 करोड़ रुपये शामिल हैं। इसके अलावा शिक्षा सेवाओं के लिए 37.45 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 52.75 करोड़ रुपये और पेयजल योजनाओं के लिए 75.75 करोड़ रुपये शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय निवासियों के लिए नौतोड़ (भूमि अधिकार) की मंजूरी प्राथमिकता है और कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा जा चुका है और जल्द ही इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार जनजातीय क्षेत्रों में बौद्ध पर्यटन सर्किट और हेलीपोर्ट विकसित करने की योजना बना रही है, जिससे स्थानीय निवासियों के लिए स्थानीय रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
जनजातीय समुदायों के साथ अपने गहरे जुड़ाव का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 2022 में राज्य सरकार की बागडोर संभालने के बाद उनकी सरकार ने काजा में अपना पहला हिमाचल दिवस मनाया और जनवरी 2024 में केलांग से इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही चंबा के किलाड़ में मिनी सचिवालय और भरमौर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन के अलावा डिग्री कॉलेज सहित आगामी परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने हाल ही में पांगी घाटी के किलाड़ में एक उप-अग्निशमन केंद्र स्थापित किया है।
जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा क्षेत्र को और सुदृढ़ करने के लिए पांगी और कुकुमसेरी में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय और एकलव्य आदर्श विद्यालय की आधारशिला रखी गई है। उन्होंने कहा कि बच्चों को उनके घर के नजदीक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए इनके निर्माण में तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।
जनजातीय क्षेत्रों के निवासियों के विकास के लिए वित्तीय समावेशन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भूमि हस्तांतरण विनियमन अधिनियम, 1968 में संशोधन को केंद्र द्वारा मंजूरी दे दी गई है, जिससे जनजातीय लोगों को राज्य सरकार की पूर्व अनुमति के बिना ऋण प्राप्त करने में सक्षम बनाया गया है और वे अन्य लोगों की तरह बैंकों से ऋण ले सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार रामपुर, चंबा और नूरपुर में जनजातीय भवन स्थापित कर रही है और इन भवनों का निर्माण शीघ्र पूरा हो जाएगा।
जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और कहा कि पिछली भाजपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दौरान जनजातीय सलाहकार परिषद की केवल एक बैठक हुई थी, जबकि कांग्रेस शासन के तहत पिछले दो वर्षों में दो बैठकें आयोजित की गई हैं। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में विकास की गति तेज हुई है तथा बागवानी और कृषि में अभूतपूर्व विकास हुआ है।
श्री नेगी ने जनजातीय क्षेत्रों की वर्तमान मांगों को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए एकल-पंक्ति प्रशासनिक प्रणाली की समीक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। लाहौल एवं स्पीति की विधायक अनुराधा राणा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। बैठक में विधायक जनक राज, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा, परिषद के सदस्य, प्रशासनिक सचिव और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।