Chief Minister plans beautification of major temples to enhance facilities and promote religious tourism.
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कला, भाषा एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बाबा बालक नाथ, माता श्री चिंतपूर्णी, श्री नैना देवी तथा मां ज्वालाजी मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान कर सुविधा प्रदान की जा सके। इससे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष से सभी जिलों में ‘जिला स्तरीय महोत्सव’ आयोजित किए जाएंगे। इन मेलों एवं उत्सवों में कम से कम एक सांस्कृतिक संध्या स्थानीय कलाकारों के लिए आरक्षित रहेगी। कुल व्यय का 33 प्रतिशत स्थानीय कलाकारों पर खर्च करने का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कलाकारों का मानदेय निर्धारित करने तथा मानदेय को तर्कसंगत बनाने को भी कहा।
श्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 107 मेले अधिसूचित किए गए हैं, जिनमें चार अंतरराष्ट्रीय स्तर के, पांच राष्ट्रीय स्तर के, 29 राज्य स्तरीय तथा 69 जिला स्तरीय मेले शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में इन मेलों के आयोजन के लिए राज्य सरकार ने 1.10 करोड़ रुपये की सहायता अनुदान राशि प्रदान की है।
उन्होंने कहा कि शिमला के बैंटनी कैसल में डिजिटल संग्रहालय स्थापित करने का कार्य इस वर्ष पूरा कर लिया जाएगा तथा ‘अंतर्राष्ट्रीय रोरिक मेमोरियल ट्रस्ट’ को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजनाओं की विस्तृत समीक्षा भी की।
बैठक में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, निदेशक भाषा एवं संस्कृति डॉ. पंकज ललित सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।