Supreme Court stays Himachal High Court’s directive on CPS disqualification; CM Sukhu welcomes clarity.
हिमाचल प्रदेश में मुख्य संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही शुरू करने के हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर रोक लगाने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्वागत किया है। नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की कानूनी व्याख्या पर स्पष्टता प्रदान की है, जो उच्च न्यायालय के फैसले के पैराग्राफ 50 से भिन्न है। मुख्यमंत्री ने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई राहत महत्वपूर्ण है, और अब हम सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करने के बाद अगले कदमों पर विचार-विमर्श करेंगे।”
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री सुक्खू ने विपक्ष के व्यवहार की आलोचना करते हुए इसे “बचकाना” और सार्वजनिक मुद्दों पर ध्यान न देने वाला बताया। उन्होंने कहा, “कोई विवाद नहीं है, लेकिन उनका व्यवहार केवल बचकाना है। कभी वे शौचालय कर की बात करते हैं, कभी वे ‘समोसा राजनीति’ में लिप्त हो जाते हैं। ये केवल ध्यान भटकाने वाली बातें हैं।” उन्होंने कहा कि चूंकि भाजपा के ‘ऑपरेशन लोटस’ को राज्य की जनता ने नकार दिया है और कांग्रेस ने विधानसभा में अपनी 40 सीटों को सफलतापूर्वक बरकरार रखा है, इसलिए विपक्ष द्वारा उन पर व्यक्तिगत हमले पिछले दो वर्षों में राज्य सरकार द्वारा लागू की गई कल्याणकारी योजनाओं से ध्यान हटाने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए और आम आदमी के कल्याण के मुद्दे उठाने चाहिए। उन्होंने वंचितों के कल्याण के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि इस कार्यकाल के दौरान उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।