CM Sukhu announces maternity leave, allowances, recruitment, SDRF infrastructure, and disaster management enhancements.
ख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला के रिज मैदान में हिमाचल प्रदेश गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा के 62वें राज्य स्तरीय स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता की। यह पहला अवसर था जब इस समारोह को राज्य स्तरीय समारोह के रूप में मनाया जा रहा था। समारोह में परेड कमांडर विनय कुमार के नेतृत्व में 17 टुकड़ियों ने शानदार परेड की। प्लाटून कमांडर लता राही ने महिला टुकड़ियों का नेतृत्व किया, जबकि राज्य के विभिन्न जिलों से आई टुकड़ियों ने अपने-अपने कमांडरों के नेतृत्व में अपने कौशल का प्रदर्शन किया।
गृह रक्षा जवानों द्वारा बैटल मार्च पास्ट और गृह रक्षा बैंड द्वारा संगीतमय प्रस्तुति ने समारोह की भव्यता में चार चांद लगा दिए। गृह रक्षा जवानों द्वारा ‘सुरक्षित हिमाचल’ थीम पर आपदा प्रबंधन तकनीकों के प्रदर्शन ने भी दर्शकों का मन मोह लिया।
श्री सुक्खू ने घोषणा की कि महिला गृह रक्षकों को 180 दिन का मातृत्व अवकाश प्रदान किया जाएगा, जबकि राज्य से बाहर तैनाती के दौरान गृह रक्षकों का दैनिक भत्ता 60 रुपये से बढ़ाकर 25 रुपये किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार होमगार्ड के 700 रिक्त पदों को भरेगी, ताकि बल को मजबूती मिल सके। इसके अतिरिक्त पालमपुर में एसडीआरएफ मुख्यालय और कांगड़ा इकाई परिसर के निर्माण तथा संचार को बढ़ाने के लिए धनराशि आवंटित की जाएगी। उन्होंने लोगों की सुविधा के लिए एसडीआरएफ नियंत्रण कक्ष में नए लैंडलाइन नंबर स्वीकृत करने की घोषणा की। उन्होंने आपदा प्रबंधन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सभी जिला मुख्यालयों पर ड्रोन स्टेशन स्थापित करने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने आपदाओं के प्रबंधन और जन सुरक्षा सुनिश्चित करने में होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा कर्मियों के समर्पण और प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को उन्नत उपकरणों के साथ आधुनिक बनाने और इस उद्देश्य के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “वर्तमान में, एसडीआरएफ 5 किलोग्राम तक उठाने में सक्षम ड्रोन से लैस है और इस बल को परिचालन मांगों को पूरा करने के लिए जल्द ही उच्च पेलोड क्षमता वाले ड्रोन प्राप्त होंगे।”
होमगार्ड्स स्थापना दिवस पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए, श्री सुक्खू ने पिछले साल की मानसून आपदा के दौरान होमगार्ड, अग्निशमन विभाग के कर्मियों और एसडीआरएफ के अनुकरणीय प्रयासों की सराहना की। आपदा की भयावहता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, “यह हमारे जीवनकाल की सबसे विनाशकारी आपदाओं में से एक थी, जिसके परिणामस्वरूप जान-माल का काफी नुकसान हुआ। बचाव कार्यों के दौरान वे व्यक्तिगत रूप से ग्राउंड जीरो पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से हमने लाहौल-स्पीति जिले के चंद्रताल में फंसे 300 सहित 75,000 फंसे हुए पर्यटकों को सुरक्षित निकाला। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और विधायक संजय अवस्थी ने बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आपात स्थितियों के दौरान अधिक से अधिक जन भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आज से 6 जनवरी 2025 तक राज्यव्यापी आपदा प्रबंधन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बादल फटने और अन्य प्राकृतिक आपदाओं सहित जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न बढ़ती चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन में सामुदायिक भागीदारी के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आपदा तैयारियों को बढ़ाने के लिए राज्य ने अगले पांच वर्षों में अपनी आबादी के एक प्रतिशत को नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों के रूप में प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि होमगार्ड ने पिछले दशक के दौरान लगभग 31,000 बचाव और राहत अभियान चलाए हैं, जिसमें 3,600 लोगों की जान बचाई गई है और 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति की रक्षा की गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार एसडीआरएफ के बुनियादी ढांचे में सुधार कर रही है, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान होमगार्ड को प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में नामित कर रही है और तेजी से प्रतिक्रिया के लिए उन्हें एसडीआरएफ के तहत एकीकृत कर रही है। उन्होंने कहा कि आपदा तैयारी को मजबूत करने के लिए राज्य भर में होमगार्ड के 74 कंपनी कार्यालयों और 12 प्रशिक्षण केंद्रों को आपदा प्रतिक्रिया केंद्र के रूप में नामित किया गया है।
श्री सुक्खू ने कहा कि वर्तमान सरकार राज्य की अग्निशमन सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले दो वर्षों के दौरान नादौन, देहा, इंदौरा और कोटखाई में चार नए अग्निशमन केंद्र स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि अग्निशमन सेवा विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 240 पद सृजित किए गए हैं और विभाग की कार्यप्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए आठ अग्निशमन वाहन खरीदने की स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए हर संभव सहायता प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री ने नरेश वर्मा के नेतृत्व वाली शिमला बटालियन को मार्च पास्ट की सर्वश्रेष्ठ बटालियन का पुरस्कार दिया, जबकि सर्वश्रेष्ठ यूनिट का पुरस्कार कमांडेंट जनरल सतवंत अटवाल ने प्राप्त किया। इसके अलावा, विनोद कुमार और दिवंगत प्रविंद्र कुमार को उनकी अनुकरणीय सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। दिवंगत प्रविंद्र कुमार का पुरस्कार उनकी पत्नी मीरा देवी को प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और उसमें गहरी रुचि दिखाई।
होमगार्ड के कमांडेंट जनरल सतवंत अटवाल ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा विभाग की गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. धनी राम शांडिल, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष आर.एस. बाली, उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक हरीश जनारथा, अजय सोलंकी, सुदर्शन बबलू, मालेन्द्र राजन, हरदीप सिंह बावा, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेन्द्र श्याम, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेन्द्र चौहान, उप महापौर उमा कौशल, पूर्व महापौर जैनी प्रेम व सोहन लाल, पार्षद, उपायुक्त अनुपम कश्यप, पुलिस महानिदेशक अतुल वर्मा तथा एडीजीपी अभिषेक त्रिवेदी सहित अन्य पुलिस व होमगार्ड अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।