CM Sukhu celebrates Himachal’s Statehood Day, honoring Indira Gandhi and Dr. Y.S. Parmar’s contributions.
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कांगड़ा जिले के बैजनाथ में आयोजित 55वें राज्यत्व दिवस समारोह के दौरान हिमाचल प्रदेश के लोगों को शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. वाई.एस. परमार के राज्यत्व दिवस पर दिए गए अपार योगदान को याद किया। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड कमांडर आईपीएस (प्रोबेशनर) रविनंदन के नेतृत्व में पुलिस, होमगार्ड, आईआरबी बस्सी, आईआरबी सकोह, एसएसबी सपरी, जिला पुलिस कांगड़ा, यातायात पुलिस, एनसीसी कैडेट्स, स्काउट्स एंड गाइड्स और पुलिस बैंड की टुकड़ियों की सलामी ली।
मुख्यमंत्री ने चडियार उप-तहसील को तहसील में स्तरोन्नत करने, चडियार में लोक निर्माण विभाग का नया उप-मंडल खोलने और डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने विस्तृत योजना के साथ तत्तवानी के गर्म पानी के झरनों और खीर गंगा घाट को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना की भी घोषणा की। इसके अतिरिक्त पपरोला-बैजनाथ बाईपास मार्ग पर संसाली-भटवाली में बिनवा नदी पर पुल का निर्माण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी स्टेडियम बैजनाथ के सौंदर्यीकरण के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया तथा संसाली में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की घोषणा की। उन्होंने बैजनाथ ग्राम पंचायत के महलपत गांव में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने तथा बैजनाथ राजकीय महाविद्यालय में राजनीति विज्ञान एवं समाजशास्त्र में एम.ए. पाठ्यक्रम शुरू करने की घोषणा की। पुलिस चौकी मुलथान की आठ पंचायतें, जिनमें बड़ाग्रां, कोठीकोहर, धरान, मुलथान, लुवाई, पोलिंग, स्वार्ड तथा बड़ा भंगाल शामिल हैं, अब पुलिस स्टेशन बारी के अधिकार क्षेत्र में आएंगी, जिससे 35 गांवों के 7500 लोग लाभान्वित होंगे।
उन्होंने चरवाहों के लिए चरागाह भूमि के विकास तथा वन अधिकार अधिनियम के तहत उनके अधिकारों के संरक्षण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार पारंपरिक मार्गों में विकासात्मक परिवर्तनों से उत्पन्न होने वाले मुद्दों का समाधान करेगी, पर्यावरण अनुकूल भेड़-बकरी पालन को बढ़ावा देगी तथा ऊन संघ एवं ऊन बोर्ड को मजबूत करेगी।
सुक्खू ने कहा कि हालांकि मौजूदा सरकार को सत्ता में आए दो साल ही हुए हैं, लेकिन स्थिति यह है कि पिछले कर्जों का मूलधन और ब्याज चुकाने के लिए कर्ज लिया जा रहा है। पिछले दो वित्त वर्षों में सरकार ने 30,080 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है, जिसमें से 18,854 करोड़ रुपये, जो कुल का लगभग 63 प्रतिशत है, पिछली सरकार द्वारा लिए गए कर्जों का मूलधन और ब्याज चुकाने में इस्तेमाल किया गया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकाल 2021-22 के दौरान राज्य को 10,249 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा अनुदान मिला, जो 2023-24 में घटकर 6,258 करोड़ रुपये रह गया और अगले वित्त वर्ष में इसके और घटकर 3,257 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वित्तीय बाधाओं के बावजूद, उन्होंने कर्ज पर निर्भरता के बजाय संसाधन सृजन पर सरकार के फोकस पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने 2023-24 में 10,249 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व घाटा अनुदान दिया है, जो 2023-24 में घटकर 6,258 करोड़ रुपये रह गया और अगले वित्त वर्ष में इसके और घटकर 3,257 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। आबकारी, पर्यटन, बिजली और खनन नीतियों में सुधार के माध्यम से 2,200 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई है, जो राज्य के इतिहास में पहली बार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाला वित्तीय वर्ष चुनौतीपूर्ण है, लेकिन राज्य के लोगों के सहयोग और देवताओं के आशीर्वाद से इन चुनौतियों पर काबू पा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने हिमाचल प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने के बारे में नहीं सोचा। हमारी सरकार ने ‘व्यवस्था परिवर्तन’ के माध्यम से राज्य को बदलने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास शुरू किए हैं। डेयरी, प्राकृतिक खेती, कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों को मजबूत करके हम गांव स्तर पर रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने रोजगार सृजन को प्राथमिकता बताया और कहा कि पिछली भाजपा सरकार के तहत पांच साल में 20,000 की तुलना में दो साल में 42,000 से अधिक नौकरियां प्रदान की गई हैं। सरकारी क्षेत्र में 12,500 से अधिक पद भरे जा चुके हैं, जिनमें प्रारंभिक शिक्षा विभाग में 3,202 पद शामिल हैं और 2025 में लगभग 8,000 और पद भरे जाएंगे। इसमें 2,095 टीजीटी, शास्त्री और जेबीटी पद, साथ ही 245 विशेष शिक्षक और 6,297 एनटीटी शिक्षक शामिल हैं। वहीं, उच्च शिक्षा विभाग में 1,097 पद भरे गए हैं और 1,337 कर्मचारियों को नियमित किया गया है। उन्होंने कहा कि सीमित सीधी भर्ती के माध्यम से 769 कंप्यूटर शिक्षकों और अन्य के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में 1088 कांस्टेबलों की भर्ती शुरू हो गई है तथा 2061 वन रक्षकों के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त जल शक्ति विभाग में 3000 पदों पर नियुक्ति की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के दौरान घोटालों के कारण रुकी हुई भर्ती को मंजूरी दे दी गई है, जिसके तहत 2273 पदों पर नियुक्ति की गई है। इसके अलावा, सरकार की योजना विभिन्न श्रेणियों में 25000 नए पद सृजित करने की है, जिससे विभिन्न योग्यता वाले बेरोजगार युवाओं को राज्य की सेवा करने का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए दस वादों में से छह को पूरा कर दिया है। 1.36 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल कर दी गई है, जबकि इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना शुरू की गई है, जिसके तहत पात्र महिलाओं को चरणबद्ध तरीके से 1500 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है। सभी सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा शुरू करने की गारंटी को पूरा किया गया है। सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से आधुनिक एवं सर्वसुविधायुक्त राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं। डॉ. वाई.एस. परमार विद्यार्थी ऋण योजना के तहत विद्यार्थियों को भारत एवं विदेश में अध्ययन के लिए एक प्रतिशत ब्याज दर पर शिक्षा ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है।
श्री सुक्खू ने कहा कि सरकार ने युवाओं के लिए 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना भी शुरू की है। प्राकृतिक खेती से उगाए गए गेहूं के लिए 40 रुपये प्रति किलोग्राम तथा मक्के के लिए 30 रुपये प्रति किलोग्राम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रदान किया जा रहा है, जबकि गाय के दूध के लिए एमएसपी 32 रुपये से बढ़ाकर 45 रुपये प्रति लीटर तथा भैंस के दूध के लिए 47 रुपये से बढ़ाकर 55 रुपये प्रति लीटर किया गया है। छोटे किसानों एवं पशुपालकों को लाभान्वित करने के लिए सरकार ने 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गाय का गोबर खरीदने की योजना शुरू की है, जो कांग्रेस के प्रतिज्ञा पत्र का एक और प्रमुख वादा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की अपील के बाद 2000 लोगों ने स्वेच्छा से बिजली सब्सिडी छोड़ दी है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके तहत शिमला जिले के दत्तनगर में 50,000 लीटर प्रतिदिन क्षमता का दूध प्रसंस्करण संयंत्र चालू किया जा रहा है और कांगड़ा जिले के धागवार में 1.5 लाख लीटर क्षमता वाला एक और संयंत्र स्थापित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार हिमाचल प्रदेश को पर्यटन स्थल के रूप में भी बड़े पैमाने पर विकसित कर रही है। गोबिंद सागर झील में जल क्रीड़ाएं शुरू की गई हैं तथा कांगड़ा को प्रदेश की पर्यटन राजधानी घोषित किया गया है। धर्मशाला के तपोवन में 150 करोड़ रुपये की लागत से देश का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर बनाया जाएगा। नगरोटा बगवां में 150 करोड़ रुपये की लागत से वेलनेस सेंटर स्थापित किया जाएगा। धर्मशाला के सकोह में 34 करोड़ रुपये की लागत से ऑल वेदर रोलर आइस स्केटिंग रिंक का निर्माण किया जा रहा है। पालमपुर तथा नगरोटा बगवां के लिए 78 करोड़ रुपये की लागत से सौंदर्यीकरण परियोजनाएं बनाई जा रही हैं। रक्कड़ तथा पालमपुर में हेलीपैड बनाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देहरा के बनखंडी में 600 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्राणी उद्यान बनाया जा रहा है। कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तारीकरण कार्य प्रगति पर है, जिसके लिए 3500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं तथा 100 करोड़ रुपये की लागत से … उन्होंने कहा कि स्वदेश दर्शन योजना के तहत नगरोटा सूरियां में हेलीपैड और टेंट सिटी बनाने का प्रस्ताव है। देहरा में विश्व स्तरीय वेलनेस सेंटर बनाने का भी प्रस्ताव है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला में 1600 करोड़ रुपये की लागत से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे बनाया जाएगा और राजधानी में विश्व स्तरीय आइस और रोलर स्केटिंग रिंक के साथ-साथ वेलनेस सेंटर भी बनाया जाएगा। पर्यटन से जुड़ी इन सभी परियोजनाओं के दो साल के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने सड़क और पुल निर्माण की गति तेज करने पर जोर दिया। आजादी के बाद पहली बार शिमला के बड़ा भंगाल और डोडरा-क्वार जैसे दूरदराज के इलाकों को उचित सड़क ढांचे से जोड़ने और उन्हें विकास की मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अनाथ बच्चों, बेसहारा महिलाओं और बुजुर्गों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना शुरू की है। इस पहल के तहत 6000 बच्चों को ‘प्रदेश के बच्चे’ के रूप में गोद लिया गया है। हाल ही में 23 ऐसे बच्चों को चंडीगढ़, दिल्ली और गोवा की सैर करवाई गई, जहां उन्हें हवाई यात्रा करवाई गई और तीन सितारा होटलों में ठहराया गया। इसी तरह बिलासपुर जिले के 17 बच्चों को अटारी-वाघा बॉर्डर, अमृतसर और कपूरथला की सैर करवाई गई।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कर्मचारियों और पेंशनरों को महंगाई भत्ते (डीए) की तीन किस्तों का भुगतान किया गया है, जो 11 प्रतिशत की वृद्धि है। इसके अलावा, राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
इस अवसर पर एक जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, आयुष मंत्री यादविंदर गोमा, विधायक किशोरी लाल, संजय रतन, आशीष बुटेल, कमलेश ठाकुर, रणजीत सिंह और मलेंदर राजन, प्रधान सलाहकार (आईटी और इनोवेशन) गोकुल बुटेल, पूर्व विधायक अजय महाजन, चेयरमैन संजय चौहान और राम चंदर पठानिया, एपीएमसी चेयरमैन निशु मोंगरा, पूर्व सीपीएस जगजीवन पाल, कांग्रेस नेता देवेंद्र जग्गी, करण पठानिया और जीवनपाल। ठाकुर, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा, उपायुक्त हेमराज बैरवा, पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री, निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क राजीव कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।