रक्षा मंत्री और सिंगापुर के रक्षा मंत्री ने नई दिल्ली में छठी भारत-सिंगापुर रक्षा मंत्रिस्तरीय वार्ता की सह-अध्यक्षता की

रक्षा मंत्री और सिंगापुर के रक्षा मंत्री ने नई दिल्ली में छठी भारत-सिंगापुर रक्षा मंत्रिस्तरीय वार्ता की सह-अध्यक्षता की

Agreed to strengthen defense cooperation including industry cooperation in specific areas

क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और सुरक्षा के साझा दृष्टिकोण पर आधारित दीर्घकालिक संबंधों को स्वीकार किया

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और सिंगापुर के रक्षा मंत्री डॉ एनजी इंग हेन ने 22 अक्टूबर, 2024 को नई दिल्ली में छठी भारत-सिंगापुर रक्षा मंत्रिस्तरीय वार्ता की सह-अध्यक्षता की। दोनों रक्षा मंत्रियों ने क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और सुरक्षा के साझा दृष्टिकोण पर आधारित दीर्घकालिक द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को स्वीकार किया।
भारत की एक्ट ईस्ट नीति के एक दशक पूरा होने की पृष्ठभूमि में यह बैठक महत्वपूर्ण है। भारत की पूर्व के देशों के साथ प्रगाढ़ता की इस इस नीति में सिंगापुर ने आर्थिक सहयोग और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने और क्षेत्र के देशों के साथ रणनीतिक संपर्क विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

दोनों रक्षा मंत्रियों ने बढ़ते आपसी रक्षा सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। हाल के वर्षों में दोनों देशों के सशस्त्र बल नियमित रूप से संपर्क में रहे हैं।

वर्ष 2025 में भारत और सिंगापुर के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 60 साल पूर्ण होने के अवसर पर दोनों मंत्रियों ने रक्षा सहयोग और सुदृढ़ करने और इसे नई ऊंचाईयों पर पहुंचाने पर सहमति जताई। उन्होंने अगले पांच वर्षों में संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण पर द्विपक्षीय समझौते को और विस्तारित करने की भी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

रक्षा उपकरणों के सह-विकास और सह-उत्पादन शुरू करने के स्वाभाविक साझेदार दोनों देश रक्षा उद्योग में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हो गए। इनमें स्वचालन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में सहयोग शामिल है। दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने साइबर सुरक्षा जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का भी निर्णय लिया।
राजनाथ सिंह ने 2021 से 2024 तक आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस में भारत को समन्वयक देश के रूप में सिंगापुर के समर्थन के लिए डॉ. एनजी इंग हेन को धन्यवाद दिया। सिंगापुर के रक्षा मंत्री ने इस बात को स्वीकार किया कि एशिया की शांति और स्थिरता के लिए भारत एक अहम रणनीतिक शक्ति है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की हाल की सिंगापुर यात्रा के दौरान दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी स्तर तक बढ़ाया गया था।

 

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