कृषि आंकड़ों के लिए डिजिटल सेल का किया जाएगा गठन – श्याम सिंह राणा

Haryana Minister plans digital cell for agricultural statistics to boost employment and reduce unemployment.

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि कृषि आंकडे कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसरों का मूल्यांकन करने में मदद करते हैं , इसके लिए एक डिजिटल सैल का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में पूरा ध्यान दिया जाए तो प्रदेश में अधिकतर बेरोजगारी को खेती के माध्यम से खत्म किया जा सकता है। यह सभी के सहयोग से ही संभव हो पाएगा।

श्री श्याम सिंह राणा आज पंचकूला में आयोजित कृषि सांख्यिकी-2025 की राष्ट्रीय कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य एक कृषि प्रधान प्रदेश है, राज्य की लगभग 60 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर करती है। कृषि केवल हमारी खाद्य सुरक्षा का ध्यान नहीं रखती बल्कि यह देश के लाखों किसानों के जीवन का आधार भी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्र में अलग प्रकार की फसलों की खेती होती है। सभी फसलों का अपना महत्व है। इसके अलावा कई क्षेत्रों की भूमि को कृषि उपज के अनुकूल ही विकसित किया जाना चाहिए और विशेषकर लवणीय भूमि पर भी ध्यान देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शुरूआत में भले ही पैदावार कम होती थी, लेकिन तब प्राकृतिक खेती ज्यादा होती थी, जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक थी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वो किसानों को पैदावार बढ़वाने की बजाए जैविक खेती करने पर जोर दें।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उदेश्य कृषि आंकड़ों  में सुधार व नई तकनीक को किसानों के अनुरूप बढ़ावा देना भी है। आज हम यहां केवल कृषि की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करने के लिए नहीं, बल्कि ऐसे समाधान खोजने के लिए एकत्रित हुए है, जो इसके निरन्तर विकास और स्थिरता की और मार्गदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि आंकडे, कृषि क्षेत्र की प्रगति को मापने और मूल्यांकन करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। कृषि आंकड़े फसलों का उत्पादन, प्रधानमंत्री फसल बीमा, कृषि आय और कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसरों सहित विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करता है। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े कृषि नीतियों के प्रभाव का मूल्यांकन करने में मदद करते है। इससे कृषि उत्पादन की भविष्यवाणी करने में भी मदद मिलती  है, जिससे किसानों और सरकार को फैसले लेने में सहायता मिलती है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में किसानों के लिए अनेक योजनाओं को क्रियांवित किया जा रहा है। इनमें मुख्यतः मेरी फसल मेरा ब्यौरा, धान की सीधी बिजाई, प्राकृतिक खेती, फसल अवशेष प्रबन्धन, भावांतर भरपाई, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य आदि शामिल है। इन योजनाओं से किसानों को काफी लाभ प्राप्त हो रहा है।

कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजा शेखर वुंडरू ने बताया कि प्रदेश में करीब 90 लाख एकड़ भूमि पर खेती की जा रही है। प्रदेश में हरित क्रांति का पूरा योगदान रहा है। तब से लेकर अब तक कृषि के क्षेत्र में प्रदेश अपनी अहम भूमिका निभा रहा है।

इस मौके पर कृषि विभाग के निदेशक श्री राज नारायण कौशिक, विशेष सचिव मनीष नागपाल, संयुक्त निदेशक आरके सोलंकी और राजीव कुमार मिश्रा, केंद्रीय कृषि मंत्रालय से पल्लवी  सहित अन्य कई अधिकारियों ने कार्यशाला में विचार एवं अनुभव साझा किए।

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