डॉ. बलजीत कौर ने एनीमिया मुक्त पंजाब बनाने के लिए तरनतारन में छात्राओं के लिए एनीमिया स्क्रीनिंग अभियान शुरू किया

Anemia screening campaign launched for girl students in Punjab, testing 1,152 girls on day one.

एनीमिया मुक्त पंजाब बनाने के उद्देश्य से सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने आज तरनतारन के श्री गुरु अर्जन देव सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (लड़कियां) से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए एनीमिया जांच अभियान की शुरुआत की। अभियान के पहले दिन 10 टीमों द्वारा लगभग 1,152 छात्राओं की एनीमिया जांच की गई।

इस अवसर पर तरनतारन के डिप्टी कमिश्नर श्री राहुल, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (जनरल) श्री राजदीप सिंह बराड़, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) श्री संजीव कुमार, एसडीएम तरनतारन श्री अरविंदरपाल सिंह और सिविल सर्जन डॉ. गुरप्रीत सिंह राहे मौजूद थे।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने संबोधित करते हुए पंजाब सरकार की प्रत्येक नागरिक के अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने स्कूली छात्राओं के लिए एनीमिया जांच अभियान शुरू किया है। प्रारंभिक चरण में, तरनतारन जिले के सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से 12 तक पढ़ने वाली लगभग 30,000 छात्राओं के रक्त की जांच की जाएगी ताकि एनीमिया का पता लगाया जा सके। उन्होंने आश्वासन दिया कि एनीमिया से पीड़ित लोगों को तत्काल उपचार प्रदान किया जाएगा।

डॉ. बलजीत कौर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एक लड़की का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सीधे उसके हीमोग्लोबिन के स्तर से जुड़ा हुआ है। उन्होंने घोषणा की कि एनीमिया जांच अभियान ऐतिहासिक शहर तरनतारन से एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है और जल्द ही एनीमिया मुक्त पंजाब के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इसे सभी जिलों में विस्तारित किया जाएगा।

उन्होंने आगे बताया कि पंजाब सरकार छात्राओं की जांच के लिए उन्नत उपकरणों का उपयोग कर रही है, जिससे सुई चुभोए बिना हीमोग्लोबिन के स्तर और एनीमिया का पता लगाया जा सकता है। डॉ. बलजीत कौर ने स्वस्थ जीवन के लिए उचित हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।

छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए डॉ. बलजीत कौर ने उन्हें पौष्टिक आहार लेने और जंक फूड से पूरी तरह परहेज करने की सलाह दी। उन्होंने समाज से लड़कियों को उनके लक्ष्य हासिल करने के लिए समान अवसर प्रदान करने का आग्रह किया और माता-पिता से अपनी बेटियों की पोषण संबंधी जरूरतों पर ध्यान देने का आह्वान किया।

उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार बाल मजदूरी और बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ ठोस कदम उठा रही है। सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग ने अब तक 261 बच्चों को बाल मजदूरी और भिक्षावृत्ति से मुक्त करवाकर उन्हें मुख्यधारा में शामिल किया है और विभाग की छात्रवृत्ति योजना के तहत स्कूलों में दाखिला दिलाया है।

डिप्टी कमिश्नर श्री राहुल ने बताया कि जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को एनीमिया जांच के लिए आधुनिक उपकरण मुहैया करवाए हैं, जिससे हीमोग्लोबिन का स्तर मिनटों में पता लगाया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले भर के विभिन्न सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से 12 तक की लड़कियों की एनीमिया जांच के लिए विशेष कैंप लगाए जाएंगे। सिविल सर्जन डॉ. गुरप्रीत सिंह राहे के नेतृत्व में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. वरिंदरपाल कौर ने एनीमिया के शरीर पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाई।

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध आधुनिक उपकरणों से लड़कियों की एनीमिया जांच बहुत आसान हो जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि एनीमिया से पीड़ित लड़कियों को तुरंत उपचार मुहैया करवाया जाएगा, जिससे इसका प्रभावी उन्मूलन सुनिश्चित होगा।

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