डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने एचपीएमएफडीसी की 52वीं बीओडी बैठक की अध्यक्षता की

HPMFDC raises family income limit to ₹3 lakh for concessional loans to support minorities.

हिमाचल प्रदेश अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम (एचपीएमएफडीसी) ने राज्य के अल्पसंख्यकों और दिव्यांगजनों को अपने स्टार्टअप स्थापित करने और विस्तार देने तथा स्वरोजगार को बढ़ावा देने में सहायता के लिए रियायती दरों पर ऋण प्राप्त करने के लिए न्यूनतम पारिवारिक आय की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये वार्षिक कर दिया है। इससे पहले, यह आय सीमा ग्रामीण क्षेत्रों में 98 हजार और शहरी क्षेत्रों में 1.20 लाख रुपये थी। इस संबंध में निर्णय आज यहां स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल की अध्यक्षता में आयोजित निगम के 52वें निदेशक मंडल की बैठक के दौरान लिया गया।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश में अल्पसंख्यकों और दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और उत्थान के लिए प्रभावी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों एवं दिव्यांगों के कल्याण तथा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार विभिन्न सुविधाएं प्रदान करती है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान अल्पसंख्यकों को रियायती ब्याज दरों पर 1296.95 लाख रुपये तथा दिव्यांगजनों को रियायती ब्याज दरों पर 540.83 लाख रुपये का ऋण एचपीएमएफडीसी के माध्यम से प्रदान किया गया है। चालू वित्तीय वर्ष में अधिक से अधिक लाभार्थियों को जोड़ने तथा उन्हें रियायती दरों पर ऋण प्रदान करने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

एचपीएमएफडीसी छोटे व्यवसायों, परिवहन सेवाओं, दुकानों, पार्लरों तथा कृषि आदि क्षेत्रों में उपक्रमों के लिए रियायती ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करता है। 18 से 55 वर्ष की आयु के अल्पसंख्यकों को 6 प्रतिशत की ब्याज दर पर 20 लाख रुपये तथा 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर 20 से 30 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है। इसी प्रकार, 16 वर्ष से अधिक आयु के दिव्यांगों को 5 लाख रुपये तक का ऋण 6 प्रतिशत की ब्याज दर पर, 10 लाख रुपये तक का ऋण 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर तथा 10 लाख रुपये से अधिक का ऋण 8 प्रतिशत की ब्याज दर पर दिया जाता है। दिव्यांग महिलाओं के लिए 2 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज छूट का प्रावधान है। इसके अलावा, राज्य के अल्पसंख्यकों और दिव्यांगों को तकनीकी शिक्षा के लिए 3 प्रतिशत की दर पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।

डॉ. शांडिल ने कहा कि अल्पसंख्यकों और दिव्यांगों के लाभ के लिए एचपीएमएफडीसी द्वारा की जा रही विभिन्न कल्याणकारी पहलों की जानकारी फैलाने के लिए पूरे राज्य में नियमित अंतराल पर जागरूकता शिविर आयोजित किए जाने चाहिए। एचपीएमएफडीसी को उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जहां अल्पसंख्यकों का समूह रहता है या जहां दिव्यांगों की अधिक संख्या है, ताकि उन्हें बड़े पैमाने पर लाभान्वित किया जा सके।

निदेशक मंडल की बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई तथा नई मांगों को मंजूरी दी गई।

बैठक में सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता आशीष सिंहमार, एचपीएमएफडीसी के प्रबंध निदेशक मनोज कुमार, निदेशक महिला एवं बाल विकास गंधर्व राठौर, एचपीएमएफडीसी के निदेशक मंडल के सदस्य तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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