Farrier Harpreet Singh trained on horse health and farriery at Chandigarh’s ‘The Stables’ farm.
चण्डीगढ़ में घोड़ों की सेहत और देखभाल को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अनुभवी फर्रियर (घोड़ों के खुरों की देखभाल करने और नाल लगाने वाला विशेषज्ञ) हरप्रीत सिंह ने खुड्डा अली शेर स्थित ‘द स्टेबल्स’ में एक विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया। इस घोड़ा फार्म को कर्नल सरप्रताप सिंह द्वारा संचालित किया जाता है। इस सत्र में बेहतर फर्रियरी (नाल और खुर की देखभाल) के महत्व पर चर्चा की गई, जो घोड़ों के स्वास्थ्य, चलने और दौड़ने की क्षमता को बनाए रखने में मदद करता है। विशेषज्ञ हरप्रीत सिंह फ्लाइंग ऐनविल फर्रियर इंस्टीट्यूट, दुंडलोद, राजस्थान के संचालक हैं।
इस आयोजन में पीडूज़ पीपल नामक पशु कल्याण एनजीओ के स्वयंसेवकों ने भी भाग लिया और सही तरीके से फर्रियरी करने की प्रक्रिया को समझा। हरप्रीत सिंह ने सुरक्षित तरीके से घोड़ों के खुर को काटने, सही औजारों का उपयोग करने और पूरे प्रक्रिया को कुशलता से पूरा करने का प्रदर्शन किया। उन्होंने यह भी समझाया कि फर्रियरी एक विशेषज्ञता वाली प्रक्रिया है, जिसका घोड़ों के स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
इस सत्र में एक बड़ी समस्या को भी उजागर किया गया। चंडीगढ़ के स्थानीय फर्रियरों के पास उचित औजार और प्रशिक्षण की कमी है, जिससे शहर में भार ढोने वाले घोड़ों को गलत तरीके से नाल लगाने या खुर की खराब देखभाल के कारण गंभीर चोटें लगती हैं। पीडूज़ पीपल इस समस्या को दूर करने के लिए विशेषज्ञ प्रशिक्षण और सही उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है, ताकि काम करने वाले घोड़ों को बेहतर फर्रियरी सेवाएं मिल सकें और वे दर्द से मुक्त जीवन जी सकें।
यह पहल चंडीगढ़ में व्यावसायिक और मानवीय फर्रियरी पद्धतियों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और यह सुनिश्चित करती है कि शहर के कामकाजी घोड़ों को उचित देखभाल मिले।