Vikram Samvat 2082 began with Gayatri Maha Yagya, prayers, and celebrations at Sarangpur temple.
नर्मदेश्वर महादेव शिव मन्दिर, सारंगपुर के गायत्री मानस चेतना केन्द्र में हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत 2082 को सामूहिक गायत्री महायज्ञ द्वारा मनाया गया। 30 मार्च रविवार को चैत्र नवरात्र की शुक्ल प्रतिपदा से नव वर्ष 2025 का शुभारंभ हुआ। मन्दिर में श्री लक्ष्मी नारायण मूर्ति स्थापना का वार्षिकोत्सव भी विशेष पूजन और यज्यहूतियाँ देकर मनाया गया। इस शुभ अवसर पर गायत्री परिवार समन्वय समिति के प्रमुख प्रकाश चंद शर्मा ने बताया कि हमारी विक्रम संवत् का प्रादुर्भाव चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य ने 57 ईसा पूर्व में शकों को हराने के बाद किया था।
राजा विक्रमादित्य का नाम विक्रम और आदित्य के योग से बना। जो राजा सूर्य के समान प्राक्रमी होता था विक्रमादित्य की उपाधि दी जाती थी। जिन राजाओं ने यह उपाधि प्राप्त की उनमें सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय और सम्राट हेमचंद्र का नाम उल्लेखनीय है। प्रकाश चंद शर्मा ने बताया कि चैत्र शुक्ल पक्ष नवरात्र का अद्भुत महत्व है। इन दिनों साधक पवित्र एवं नियमित साधना अनुष्ठान से अपने मन वाणी बुद्धि विवेक विचार और शरीर को ऊर्जावान बना सकता है। नर्मदेश्वर महादेव शिव मन्दिर के मुख्य व्यवस्थापक यशपाल तिवारी ने बताया कि हिंदू नव वर्ष शक संवत 2082 की प्रतिपदा को माँ शैलपुत्री का आवाहन पूजन किया गया यज्ञ में विशेष आहुतियाँ अर्पित की गयीं।
इस शुभ अवसर पर भारतीय वायु सेना से निवृत फ्लाइट इंजीनियर और जय मधुसूदन जय श्री कृष्णा फाउंडेशन के संस्थापक प्रभु नाथ शाही ने पर्यावरण संवर्धन और संरक्षण जगरूकता अभियान के अंतर्गत अधिक से अधिक पेड़ पौधों को लगाने और बचाने का संकल्प भी दोहराया। उन्होंने सभी उपस्थित श्रद्धालुओं को नव पल्लवित फूलदार पौधे भी बांटे। प्रभु नाथ शाही ने अदरक कि पिछले वर्ष से पेड़ पौधों के समुचित उपचार के लिए ट्री एंबुलेंस को नियमित रूप से रजनीश राणा और संजय कुमार के माध्यम से चलाया जा रहा है जो चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि को वर्षगांठ मनाने जा रहा है। शाही ने बताया कि शीघ्र ही पेड़ पौधों के अस्पताल की व्यवस्था भी की जायेगी।
गायत्री परिवार ट्रस्ट चंडीगढ़ के मुख्य प्रबंधक ट्रस्टी उमा शंकर शर्मा ने बताया कि 14 अप्रैल को गायत्री मानस चेतना केन्द्र सारंगपुर में युगतीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार से ज्योति कलश यात्रा का आगमन होगा। 14 से 18 अप्रैल तक ज्योति कलश यात्रा को चंडीगढ़ में विभिन्न स्थानों का भ्रमण कराया जायेगा। उन्होंने सभी परिजनों से अनुरोध किया कि इस अद्वितीय अवसर का लाभ उठाएं और पावन पवित्र आयोजन में सम्मिलित हों। अनिल कुमार और नूतन परिवार ने इस अवसर पर भंडारे की व्यवस्था की। वृत धारियों के लिए विशेष भोजन का प्रबंध भी किया गया था।