Arya Samaj Chandigarh celebrated Maharishi Dayanand’s bicentenary and 150 years of Arya Samaj grandly.
केन्द्रीय आर्य सभा के तत्वाधान और प्रधान रविंद्र तलवाड़ के मार्गदर्शन में महर्षि दयानन्द सरस्वती जी का द्वितीय जन्म शताब्दी समारोह एवं आर्य समाज स्थापना के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में चण्डीगढ़, पंचकूला, मोहाली की सभी आर्य समाजों एवं आर्य शिक्षण संस्थाओं के सम्मिलित प्रयास से आर्य समाज सैक्टर 7-बी, चण्डीगढ़ में आयोजित कार्यक्रम धूमधाम से संपन्न हो गया है। मुख्य समारोह के दौरान माता सीता वैदिक कन्या गुरुकुल शामली की संस्थापिका उपदेशिका आचार्या प्रगति भारती ने कहा कि महर्षि दयानंद ने नारी जाति का उत्थान किया। लोगों को गौ माता की महत्ता बताई और जाति पाति के भेदभाव को दूर किया।
उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद का तेज सूर्य की तरह, सहनशीलता पृथ्वी जैसी और आकाश जैसा विशाल हृदय था। उन्होंने अपना समग्र जीवन समाज और राष्ट्र की भलाई के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने बताया कि यदि विश्व का उत्थान करना है तो वेदों की ओर लौटना होगा । महापुरुष जीवन में पड़ी शीतलता को उष्णता प्रदान करते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपने कर्तव्य याद रहने चाहिए।
वेदों का ज्ञान अथाह है। इसको पाने के लिए मनुष्य को प्रयत्नशील रहना चाहिए। शास्त्र जीवन को सही जीने का रास्ता बताते हैं। उन्होंने नारी को यज्ञ का वेत्ता कहा है। वह अपनी कुशलता से चारों ओर सुगंध फैलाती है। महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने मनुष्य को मन, वाणी और कर्म से एक होने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि संकल्प विकल्प रहित होने चाहिए। जो व्यक्ति सत्य के मार्ग पर चलता है उसकी सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
आचार्य अंकित प्रभाकर ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती जी के संपर्क में जो भी आए वे पारसमणी की तरह निखर गए। लाला लाजपत राय, वीर सावरकर, स्वामी श्रद्धानंद, गुरु दत्त विद्यार्थी आदि असंख्य महापुरुषों उनके सिद्धांतों के आगे नतमस्तक होते रहे। महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने सत्यार्थ प्रकाश के माध्यम से पूरे विश्व की मानवता के समक्ष वेदों की लौ जगाई।
उन्होंने वेदों की सही परिभाषा और संस्कृति जैसी संपत्ति लोगों को दी। सचमुच वे आधुनिक ऋषि थे। उनका हर एक विचार ज्ञान से भरपूर और मन को छू लेने वाला होता था। भजन गायक पं. भूपेन्द्र सिंह आर्य -भरतपुर, राजस्थान ने मधुर भजन पेश करते हुए कहा – आर्य समाज अमर हो, उठो दयानंद के सिपाहियों समय पुकार रहा है आदि भजनों से लोगों को आत्म विभोर कर दिया। भजन पर लोगों ने खूब तालियां बजाई। शोभा यात्रा पर सुंदर झांकियां के लिए आर्य समाज और डीएवी शिक्षण संस्थानों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर योगराज चौधरी, प्रकाश चन्द्र शर्मा, डॉ. विनोद कुमार शर्मा, डॉ. वी. बी. टी. मलिक, सुरेश कुमार, योगेश मोहन पंकज, डॉ सुनील कुमार, पवन पॉल, डॉ रोजी शर्मा, मोनिका पालीवाल, ज्योतिका आहूजा, अनुराधा, अशोक आर्य भी उपस्थित रहे।