Himachal Pradesh invests ₹1570 crore to revolutionize health sector, reducing ₹1350 crore annual GDP loss.
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रही है, जिसके तहत राज्य के लोगों को लाभान्वित करने के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों और मशीनरी की खरीद पर 1570 करोड़ रुपये का अनुमानित पूंजीगत व्यय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष 9.50 लाख मरीज निदान और उपचार के लिए राज्य से बाहर जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप सकल घरेलू उत्पाद को प्रतिवर्ष 1350 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर चिंता का विषय है और वर्तमान राज्य सरकार हजारों मरीजों के बहुमूल्य धन और समय को बचाने के लिए राज्य में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने को प्राथमिकता दे रही है।
ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों को न्यूरोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, ऑर्थोपैडिक्स और अन्य विभागों में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा के साथ अपग्रेड किया जा रहा है क्योंकि इससे डॉक्टरों का कार्यभार कम होगा और उपचार प्राप्त करने वाले मरीजों को भी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी शिमला तथा डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा, जिला कांगड़ा में आधुनिक पीईटी स्कैन तथा एमआरआई मशीनें स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है, तथा शीघ्र ही इनका लोकार्पण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में 300 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त कैंसर देखभाल उत्कृष्टता केंद्र भी स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस केंद्र में राज्य की पहली साइक्लोट्रॉन मशीन के साथ-साथ रेडिएशन तथा न्यूक्लियर मेडिसिन थेरेपी की सुविधा भी होगी। उन्होंने कहा कि इस केंद्र में कैंसर रोगियों के लिए 150 समर्पित बिस्तर होंगे।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में 69 स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को उन्नत तथा सुदृढ़ करने के निर्देश दिए, ताकि इन अस्पतालों में विशेषज्ञ बिस्तर तथा डायग्नोस्टिक क्षमताएं जोड़कर देखभाल का स्तर बढ़ाया जा सके। इन स्वास्थ्य सुविधाओं को द्वितीयक देखभाल, आपातकालीन सेवाओं, उपकरण क्षमताओं और अग्निशमन बुनियादी ढांचे सहित सुविधा सुरक्षा उपायों और आंतरिक गतिशीलता में सुधार आदि के लिए भी मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अस्पतालों, क्षेत्रीय अस्पतालों, जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में निदान और उपचार सुविधाओं को बढ़ाने के लिए इन-हाउस प्रयोगशालाओं की स्थापना पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत क्षेत्रीय अस्पतालों और नागरिक अस्पतालों में मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ये उपाय निदान और उपचार के लिए रोगियों के अन्य राज्यों में पलायन को रोकने में सहायक होंगे और राज्य में चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देंगे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए और कहा कि इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है और राज्य सरकार आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त धन उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य के लोगों को उनके घर-द्वार पर विश्व स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. (कर्नल) धनी राम शांडिल, विधायक संजय अवस्थी और अजय सोलंकी, सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी, विशेष सचिव स्वास्थ्य डा. अश्वनी शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।