भारत सरकार को जल जीवन मिशन के तहत पंजाब के लिए 111.13 करोड़ रुपये की लंबित धनराशि तुरंत जारी करनी चाहिए: मुंडियन

Punjab Minister urges ₹111.13 Cr Jal Jeevan funds; Union Minister assures early release.

पंजाब के जलापूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने जल जीवन मिशन के तहत पंजाब के लिए लंबित 111.13 करोड़ रुपये की धनराशि तुरंत जारी करने की मांग की है, ताकि पानी की गुणवत्ता से प्रभावित गांवों को नहरी पानी उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई प्रतिष्ठित परियोजनाएं समय पर पूरी हो सकें। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने जल्द ही धनराशि जारी करने का आश्वासन दिया।

श्री मुंडियां राजस्थान के उदयपुर में आयोजित ‘भारत 2047: जल सुरक्षित राष्ट्र’ विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार राज्य के लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और इस दिशा में बड़े लक्ष्य हासिल किए हैं।

श्री मुंडियां ने सम्मेलन के दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल के समक्ष राज्य के सामने आने वाली चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों से राज्य के भूजल में यूरेनियम, आर्सेनिक, सेलेनियम आवश्यक सीमा से अधिक पाया गया है। इसके चलते 15 सतही जल परियोजनाओं पर 2.5 करोड़ रुपये की लागत से काम चल रहा है। पंजाब सरकार ने प्रभावित गांवों को नहरी पानी उपलब्ध करवाने के लिए 2200 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है, जिससे 25 लाख ग्रामीण निवासियों को स्वच्छ और सुरक्षित पानी मिलेगा। ये परियोजनाएं वर्तमान में चरणों में पूरी की जा रही हैं। भारत सरकार को इन्हें समय पर पूरा करने के लिए आवश्यक धनराशि तुरंत जारी करनी चाहिए।

पंजाब के जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने ‘हर घर जल’ मिशन के तहत अप्रैल 2023 में ही राज्य की ग्रामीण आबादी को नल के माध्यम से 100 प्रतिशत पीने का पानी उपलब्ध करवाने का लक्ष्य हासिल कर लिया है। इस लक्ष्य को हासिल करने वाला पंजाब देश का पांचवा राज्य है, जबकि पूरे देश ने यह लक्ष्य मार्च 2024 में हासिल कर लिया था। अब पंजाब सरकार का लक्ष्य ग्रामीण आबादी को 24 घंटे पीने का पानी उपलब्ध करवाना है।

पंजाब द्वारा किए जा रहे अभूतपूर्व कार्यों का विवरण देते हुए श्री मुंडियां ने कहा कि पंजाब ने 2009 में शिकायत निवारण केंद्र स्थापित किया था, जिसमें 31 जनवरी, 2025 तक 1,38,331 शिकायतें प्राप्त हुईं और उनमें से 99.70 प्रतिशत शिकायतों का सफलतापूर्वक समाधान किया गया। उन्होंने आगे कहा कि राज्य ने तकनीकी प्रणाली के माध्यम से जल आपूर्ति योजनाओं की उच्च स्तरीय निगरानी के लिए आईओटी को लागू किया है और जल आपूर्ति योजनाओं की निगरानी के लिए स्काडा परियोजनाओं को अपनाया गया है।

पंजाब के जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री ने जल आपूर्ति ढांचे को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए समाज, विशेषकर महिलाओं की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि राज्य में इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं, जैसे कि सरकार ने (जीआरडब्ल्यूएससी) ग्राम पंचायत जल एवं स्वच्छता समितियों में महिलाओं का कम से कम 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व अनिवार्य कर दिया है।

मंत्री ने कहा कि भारत को ‘जल सुरक्षित राष्ट्र’ बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी नागरिकों की भागीदारी आवश्यक है ताकि आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ और पीने योग्य पानी उपलब्ध हो सके। पंजाब सरकार इस मिशन को पूरा करने के लिए लगातार काम कर रही है। सम्मेलन में पंजाब कैबिनेट मंत्री के साथ केंद्रीय मंत्रियों, अधिकारियों और विभिन्न राज्यों के जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्रियों के अलावा प्रमुख सचिव जल आपूर्ति एवं स्वच्छता नीलकंठ एस. अव्हाड़ भी मौजूद थे।

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