राज्यपाल ने राज्य में नशीली दवाओं के खतरे के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया

Governor urges large-scale de-addiction centers in Himachal to combat drug abuse’s societal impact.

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने हिमाचल प्रदेश में बड़े पैमाने पर नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करने पर जोर दिया है तथा सरकार से इसकी स्थापना के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है। उन्होंने समाज पर नशे के दुरूपयोग के कठोर प्रभाव को उजागर किया तथा प्रत्येक नागरिक से एक सैनिक की तरह सतर्क रहने तथा अपने घरों व समुदायों को नशे के चंगुल से बचाने का आह्वान किया।

वे आज क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, धौला कुआं के अंतर्गत खैरी अनुसंधान फार्म में ‘किसान मेला एवं नशा विरोधी जागरूकता शिविर’ में बोल रहे थे। उन्होंने नशे की लत के खिलाफ लड़ाई में एकजुट मोर्चे के महत्व पर बल दिया। यह कार्यक्रम डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौनी (सोलन) तथा आईसीएआर-केंद्रीय पशु अनुसंधान संस्थान, मेरठ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। उन्होंने इस अवसर पर खैरी अनुसंधान फार्म का उद्घाटन भी किया तथा नशा विरोधी जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाई।

उन्होंने नशा उन्मूलन के लिए राज्य की प्रतिबद्धता दोहराई तथा कहा कि हिमाचल में एक व्यापक अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों के लोग शामिल होंगे। उन्होंने आगाह किया कि मजबूत सुधारात्मक उपायों के बिना नशामुक्ति के प्रयास अप्रभावी रहेंगे। उन्होंने विशेष रूप से पंचायती राज संस्थाओं, विशेषकर महिलाओं से अभियान की सफलता सुनिश्चित करने में अग्रणी भूमिका निभाने का आग्रह किया। एक ठोस कदम के रूप में उन्होंने घोषणा की कि अगले शैक्षणिक सत्र से राज्य के प्रत्येक विश्वविद्यालय के छात्र को नशा विरोधी शपथ पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा और जो भी छात्र नशा करते हुए पाया जाएगा, उसे तत्काल निष्कासित कर दिया जाएगा।

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित होकर उन्होंने “नशा मुक्त हिमाचल अभियान” शुरू किया था, जो धीमी शुरुआत के बावजूद अब सकारात्मक परिणाम दे रहा है। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई केवल शिक्षकों, अभिभावकों और युवाओं की सक्रिय भागीदारी से ही जीती जा सकती है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में भी नशे के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त की, जो कृषि अर्थव्यवस्था और ग्रामीण लोगों की भलाई पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

 

 

राज्यपाल ने प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया और विभिन्न विश्वविद्यालय प्रकाशनों का विमोचन किया। उन्होंने सिरमौर जिला प्रशासन द्वारा नशा विरोधी अभियान पर दी गई प्रस्तुति की भी समीक्षा की तथा स्वयं सहायता समूहों और सरकारी विभागों की पहलों को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी में “नमो ड्रोन दीदी” परमजीत कौर से बातचीत की। उन्होंने अनुसंधान केंद्र के परिसर में रुद्राक्ष और सिंदूर के पौधे भी लगाए।

डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजेश्वर सिंह चंदेल ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा किसानों के कल्याण के लिए की गई विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला। आईसीएआर-केंद्रीय मवेशी अनुसंधान संस्थान, मेरठ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. संजीव वर्मा ने संस्थान के प्रयासों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

अनुसंधान निदेशक डॉ. संजीव चौहान ने राज्यपाल को क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, धौला कुआं में की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।

पुलिस विभाग से राधिका तोमर, स्वास्थ्य विभाग से मनोचिकित्सक डॉ. नवदीप और जिला कल्याण अधिकारी विवेक अरोड़ा सहित कई विशेषज्ञों ने भी नशा उन्मूलन रणनीतियों पर अपने विचार साझा किए। हिमालयन इंस्टीट्यूट कालाअंब के विद्यार्थियों द्वारा नशे की लत के दुष्प्रभावों को दर्शाते हुए एक विचारोत्तेजक नाटक प्रस्तुत किया गया। नशे की लत से सफलतापूर्वक बाहर निकलने वाले एक पूर्व नशेड़ी ने अपनी प्रेरक यात्रा साझा की, जबकि गणित के शिक्षक अनूप मित्तल ने नशे की लत से उबरने के अपने संघर्ष और संघर्ष के बारे में बताया।

धौला कुआं स्थित शोध केंद्र की एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. प्रियंका ठाकुर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत कर कार्यक्रम का सार्थक समापन किया।

इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा, कार्यवाहक उपायुक्त एल.आर. वर्मा, पुलिस अधीक्षक निश्चिंत सिंह नेगी सहित जिला प्रशासन के अधिकारी, बड़ी संख्या में किसान और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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