हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा पंचायती राज संस्थाओं के सत्ता के विकेंद्रीकरण की दिशा में निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। इसी दिशा में मुख्यमंत्री ने पंचायतों को 21 लाख रुपये तक के काम अपने स्तर पर करवाने के किए गए वायदे को पूरा किया है। अब एक कदम और आगे बढ़ते हुए मुख्यमंत्री ने पंचायतों को और अधिक स्वायत्ता प्रदान करते हुए उन्हें स्टेट फंड से भी 21 लाख रुपये तक के काम करवाने की मंजूरी प्रदान की है।
विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा इस आशय का परिपत्र जारी किया गया है, जिसके तहत पंचायती राज संस्थानों को विकास कार्यों के निष्पादन के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इस निर्णय से स्थानीय सरकारों को और मजबूती मिलेगी साथ ही गांवों में विकास कार्य भी तेज गति से हो सकेंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने पहले ही पंचायतों को उनके पास उपलब्ध कुल ग्राम निधि या समिति निधि या जिला परिषद निधि में से बिना टेंडर प्रक्रिया के 21 लाख रुपये तक की अनुमानित लागत के विकास कार्य करवाने की अनुमति दे रखी है। अब स्टेट फंड से भी अतिरिक्त कार्य करवाने के निर्णय से विकास कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं रहेगी।