पहली से कक्षा दसवीं तक योग को पाठ्यक्रम में लागू करने वाला हरियाणा पहला प्रदेश – राज्यपाल बंडारू दतात्रेय

Haryana integrates yoga into Class 1-10 curriculum, establishing clubs in schools, colleges, universities.

राज्यपाल बंडारू दतात्रेय ने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने योग को पहली से कक्षा दसवीं तक पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया है। इसके अलावा राज्य में दस हजार से अधिक स्कूलों, तीन सौ कॉलेजों और तीस से अधिक विश्वविद्यालयों में योग क्लब स्थापित किए गए हैं।

राज्यपाल नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की जंयती के अवसर पर आईटीबीपी के बीटीसी प्रशिक्षण केन्द्र भानू में आयोजित सूर्य नमस्कार अभियान-2025 कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा योग आयोग प्रदेश में बाईस हज़ार से अधिक योग प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देकर योग का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कर रहा है। इसके लिए शिक्षा विभाग, आयुष विभाग, खेल विभाग, हरियाणा योग आयोग बधाई के पात्र है।

राज्यपाल ने राज्यस्तरीय कार्यक्रम में सिविल सर्जन डा. मुक्ता कुमार, माध्यमिक शिक्षा अजय कुमार, खेल विभाग मीनाक्षी चैहान, सीआरपीएफ जी डी माक्खन सिंह तोमर, युवा भारत से अश्वनी मिश्रा, विद्या भारती से डा. ऋषि राज, एर्नजेटिक योग परिवार विनोद बजाज सुमन गुगलानी, एसईआरटी सुनील बजाज, योग आयोग से डा. हरीश, आर्मी, लेफ्टिनेंट सुमित चन्द को सम्मानित किया गया।

राज्यपाल ने कहा कि आज महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती भी है, जिनकी असीम देशभक्ति, साहस और नेतृत्व हमारे लिए प्रेरणा का स्त्र्रोत हैं। उनके बलिदान और योगदान ने हमारे देश को स्वतंत्रता की राह पर अग्रसर किया। सुर्यनमस्कार के कार्यक्रम से नोबल बढ़ेगा और प्रधानमंत्री जी के फिट इण्डिया कार्यक्रम को बल मिलेगा। इस प्रकार से योग देश व प्रदेश की सुरक्षा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

श्री दतात्रेय ने कहा कि अष्टांग योग की विस्तार से चर्चा मर्हिष पतंजलि के योग सूत्र में मिलती है। उन्होंने अष्टांग योग के आठ सूत्र यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि दिए हैं। अष्टांग योग के आसन म ें सूर्यनमस्कार की अपनी महत्ता है। इसे सभी योगासनों  में सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

राज्यपाल ने कहा कि सूर्यनमस्कार अपने आप में एक सम्पूर्ण अभ्यास है। सूर्यनमस्कार स्त्री, पुरूष, बाल, युवा और वृद्धों व सभी के लिए उपयोगी है। आदित्यस्य नमस्कारान् ये कुर्वन्ति दिने दिने। आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तेजस्तेषां च जायते।। अर्थात्- जो लोग प्रतिदिन सूर्यनमस्कार करते हैं, उनकी आयु, प्रज्ञा, बल, वीर्य और तेज बढ़ता है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में मानव भौतिकवाद के अंधेरे में मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य को खोता जा रहा है। आधुनिक मानव का चित्त या मन अपने केंद्र से भटक गया है। उसके अंतर्मुखी और बहिर्मुखी होने में संतुलन नहीं रहा। इसके परिणामस्वरूप जीवन में तनाव बेहद खुशी है।

राज्यपाल ने कहा कि हमारे सैन्य बलों के लिए तो योग अत्यंत ही लाभकारी है। सुरक्षा बलों में तैनात सैनिकों को विकट स्थानों पर बहुत ही विकट परिस्थितियों में काम करना पड़ता है। ऐसे में शारीरिक और मनोस्थिति को संतुलित बनाए रखना बहुत ही जरूरी है। जीवन की दिनचर्या में संतुलन बनाए रखने के लिए योग एक अमूल्य औषधि का कार्य करता है। किसी भी वर्ग के लोगों कि लिए योग एक रामबाण है।

श्री दतात्रेय ने कहा कि प्रधानमं़त्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेनाओं और अर्धसैनिक बलों का मजबूतीकरण हुआ है। सभी सेनाओं के जवान आज किसी भी दुश्मन देश का मुकाबला करने के लिए हिम्मत और साहस से लबालब हैं। सभी सेनाओं और सैनिक बलों के पास आधुनिक हथियार और सामरिक सुविधाएं है। आज का भारत विश्व में एक प्रमुख सेन्य शक्ति के रूप में उभर रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने जवानों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए सेंटर बेनीवालेंट फण्ड की स्थापना की है, जिसके तहत विभिन्न आॅपरेशन कार्यों के दौरान वीरगति प्राप्त होने जवानों के परिवारों को चालीस लाख रूपए की सहायता रिलीफ फंड के रूप में मुहैया करवाई जाती है। हरियाणा सरकार भी स ैनिकों व उनके परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। वीरगति को प्राप्त होने वाले सैनिकों व अर्द्ध-सैनिकों के परिवारों को दी जाने वाली एक्स-ग्रेशिया ग्रांट को भी बढ़ाया है।

बीटीसी प्रशिक्षण डीआईजी ब्रिगेडियर जी एस गिल, चेयरमैन हरियाणा योग आयोग डॉ. जयदीप आर्य ने भी अपने विचार रखे। रजिस्ट्रार, डॉ. रोशन लाल, डॉ. राज कुमार, निदेशक श्रीमती प्रियंका, परियोजना सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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