Haryanvi culture shines at International Gita Mahotsav through folk music, dance, and cultural programs in Kurukshetra.
कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में हरियाणा पवेलियन में हरियाणवी संस्कृति की धूम मच रही है। हरियाणा लोक गायन की विभिन्न शैलियां एवं हरियाणवी संस्कृति के विभिन्न आयाम को हरियाणवी लोक कलाकारों ने अपने गीतों एवं नृत्य के द्वारा अवगत करवाया। पुरुषोत्तमपुरा बाग ब्रह्मसरोवर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों (हरियाणा कला परिषद) का आयोजन कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड व युवा एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र द्वारा आयोजित करवाया जा रहा है।
हरियाणवी सांस्कृतिक मंच पर आयोजित कार्यक्रम में हो रहे हरियाणा की लोक संस्कृति, भजन, रागनी संगीत, नृत्य दर्शकों का मन मोह रहे हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में राष्ट्रीय अवार्डी अंतरराष्ट्रीय गीत, भजन एवं गजल गायक दिलावर कौशिक आर्ट एंड कल्चर अफेयर हरियाणा द्वारा प्रस्तुत किए गए। ……देखा हैं सब ग्रंथों में, उच्च स्थान गीता का …… को श्रोताओं ने खूब पसंद किया। इसी प्रकार उन्होंने भगवान रामचंद्र के जीवन पर आधारित गीतों एवं भजनों के अलावा गीता पर आधारित भजनों के माध्यम से दर्शकों का मनोरंजन किया।
मंडली सत्संग कुरुक्षेत्र के कलाकारों द्वारा गीता के 10 व 11 वें अध्याय के बारे में भजनों एवं गीतों के माध्यम से दर्शकों को महाभारत की घटनाओं का सटीक वर्णन किया और उन्हीं कलाकारों द्वारा गाए गए गीत “गीता ज्ञान सुना कर, बंदे परले पार उतर जा” ने दर्शकों को भाव विभोर कर उन्हें भक्ति के रस से ओतप्रोत कर दिया। वहीं भजन गायिका सृष्टि ने अपनी मधुर वाणी से “आजा नंद के दुलारे, अकेली रोवा मीरा” इस धार्मिक गीत का भी श्रोताओं ने तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ गायिका का उत्साहवर्धन किया। हरियाणा पैवेलियन के मंच पर हरियाणवी हास्य कलाकार रेणू दूहन ने अपने हरियाणवी चुटकुलों के माध्यम से लोगों का खूब मनोरंजन किया।