हिपा का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर रखा जाएगा: मुख्यमंत्री

CM Sukhu announces renaming HIPA after Dr. Manmohan Singh, praising his contributions to India and Himachal.

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) के 50वें वर्षगांठ समारोह की अध्यक्षता करते हुए संस्थान का नाम पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर रखने की घोषणा की। उन्होंने भारत और हिमाचल प्रदेश के विकास में डॉ. सिंह की नीतियों की सराहना की और कहा कि उनके प्रयासों से राज्य को अनेक लाभ और पहचान मिली है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हिप्पा द्वारा प्रकाशित कॉफी टेबल बुक का भी अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने संस्थान में विशेष शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया, जिसमें 80 शिक्षक भाग लेंगे और यह 3 जनवरी तक चलेगा। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम शिक्षकों को विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक से लैस करेगा और पारंपरिक ब्रेल पद्धति का विकल्प प्रदान करेगा। राज्य के समावेशी विकास के एक हिस्से के रूप में मुख्यमंत्री ने दृष्टिबाधित बच्चों के लिए मासिक पेंशन में 27 वर्ष की आयु तक 1500 रुपये से 4000 रुपये प्रति माह की वृद्धि की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस परिवर्तन को आगामी बजट में शामिल किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दृष्टिबाधित व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनाने तथा राज्य के संसाधनों में उनकी उचित हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।

 

 

ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की वार्षिक आय 16000 करोड़ रुपये है, जबकि वेतन और पेंशन पर वार्षिक व्यय 27000 करोड़ रुपये है। उन्होंने सतत वित्तीय रोडमैप की आवश्यकता पर बल दिया तथा राज्य की आय बढ़ाने तथा राज्य के लोगों के लिए समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए समाज के सभी वर्गों से सामूहिक प्रयास और सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में वर्तमान राज्य सरकार ने राज्य की बिगड़ी वित्तीय स्थिति को स्थिर करने के लिए लगन से काम किया है, जिसके लिए राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों ने सरकार को अपना भरपूर सहयोग प्रदान किया है।

ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि समाज के सभी वर्गों का राज्य के संसाधनों में उचित हिस्सा है तथा सरकार नीतियों में महत्वपूर्ण परिवर्तन कर रही है, जिससे राज्य का समतापूर्ण और समग्र विकास सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्र को मजबूत करना हमेशा से ही राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है तथा आने वाले महीनों में अनेक नई पहल की जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना, विधवाओं के लिए कार्यक्रम तथा एकल महिलाओं को सहायता देने के उपायों सहित सरकार द्वारा क्रियान्वित की गई विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ये प्रयास समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

 

 

मुख्यमंत्री ने हिपा के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इसकी स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि सुशासन कांग्रेस सरकार का मूल मंत्र है तथा सुशासन प्राप्त करने के लिए अधिकारियों के लिए प्रभावी प्रौद्योगिकी आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हिपा राज्य के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

सचिव प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण सी. पालरासु ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा संस्थान की गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।

इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, एपीएमसी शिमला किन्नौर के अध्यक्ष देवानंद वर्मा, महापौर, नगर आयुक्त शिमला सुरेंद्र चौहान, निदेशक हिपा रूपाली ठाकुर, उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप, परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा राजेश शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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