हिमाचल में हाल ही में हुई भारी मानसूनी बारिश और बुधवार रात को आई बाढ़ के कारण लगभग 44 करोड़ रुपए का अतिरिक्त नुकसान हुआ है और राज्य की 352 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं। यह जानकारी आज यहां जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने दी।
उन्होंने कहा कि चालू मानसून सीजन के दौरान अब तक विभाग को 2421 योजनाओं के कारण 196 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
इसमें खुलासा हुआ कि कुल्लू और शिमला जिलों में विभाग की जलापूर्ति योजनाओं को काफी नुकसान पहुंचा है। शिमला के मतियाना क्षेत्र में कुर्पन योजना बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिसमें पंप हाउस, मशीनरी और पाइप बह गए हैं, जिससे लगभग 10 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसी तरह रामपुर जलापूर्ति योजना भी क्षतिग्रस्त हुई है, जिससे लगभग आठ करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
एहतियात के तौर पर कुछ योजनाओं को अस्थायी रूप से बंद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास जारी हैं कि जलापूर्ति योजनाएं गाद से अप्रभावित रहें तथा जनता को पानी की आपूर्ति निर्बाध बनी रहे। मंत्री ने बताया कि चालू मानसून सीजन के दौरान 2421 पेयजल आपूर्ति, सिंचाई एवं सीवरेज योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिनमें से 1438 को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया गया है तथा शेष को बहाल करने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। श्री अग्निहोत्री ने कहा कि आगामी आदेशों तक सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं तथा विभाग के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मानसून की बारिश के दौरान सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।